मंडी जिला के बाखली गांव में पहला रोपवे बनाएगा नाबार्ड
First Ropeway नाबार्ड प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में कृषि और विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रोपवे का निर्माण करेगा। नाबार्ड के ग्रामीण अधोसंरचना विकास कोष के तहत मंडी जिला के बगलामुखी मंदिर के नजदीक बाखली गांव को रोपवे से जोड़ने की स्वीकृति दी है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। नाबार्ड प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में कृषि और विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रोपवे का निर्माण करेगा। नाबार्ड के ग्रामीण अधोसंरचना विकास कोष के तहत मंडी जिला के बगलामुखी मंदिर के नजदीक बाखली गांव को रोपवे से जोड़ने की स्वीकृति दी है। इस रोपवे का निर्माण प्रदेश सरकार की एजेंसी रोपवे एवं रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरटीडीसी) करेगी। रोपवे के निर्माण पर 42.48 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे का निर्माण होने से ग्रामीण ट्राली में सफर करके बाखली पहुंचेंगे।
नाबार्ड से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अधोसंरचना विकास कोष (आरआइडीएफ) में रोपवे निर्माण को शामिल करने का आग्रह किया था। प्रदेश सरकार के आग्रह पर नाबार्ड ने केंद्र सरकार से बात की। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद नाबार्ड ने हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में रोपवे को आरआइडीएफ में शामिल करने का फैसला लिया है। इसके बाद पहला रोपवे बाखली गांव में बनाया जा रहा है।
बगलामुखी के नजदीक बाखली गांव में प्रस्तावित रोपवे के लोअर व अप्पर टर्मिनल चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थित पंडोह जलाशय व बाखली गांव में होंगे। प्रस्तावित रोपवे में एक घंटे में 350 यात्री सफर कर सकेंगे। रोपवे के निर्माण से बाखली गांव पहुंचने में सड़क से पांच मिनट का समय लगेगा। फिलहाल सड़क से यहां पहुंचने के लिए आधा घंटा लगता है। इस रोपवे के निर्माण से आसपास के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।