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मुस्कान ने राष्ट्रीयस्तर पर जीता गोल्डन वायस का खिताब

दृष्टिबाधित गायिका और उमंग फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर मुस्कान नेगी ने दिल्ली में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीत कर गोल्डन वायसÓ का खिताब जीता है। उन्हें 51 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया गया। मुस्कान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में संगीत विभाग में पीएचडी की शोधार्थी हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 08:17 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 08:17 PM (IST)
दिल्ली में सम्मान प्राप्त करती मुस्कान। जागरण

शिमला, जागरण संवाददाता। दृष्टिबाधित गायिका और उमंग फाउंडेशन की ब्रांड एंबेसडर मुस्कान नेगी ने दिल्ली में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीत कर 'गोल्डन वायसÓ का खिताब जीता है। उन्हें 51 हजार रुपये का नगद पुरस्कार दिया गया। मुस्कान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में संगीत विभाग में पीएचडी की शोधार्थी हैं। साथ ही भारतीय चुनाव आयोग की यूथ आइकन भी हैं।

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गाना गाकर मुस्कान ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों से 200 से अधिक दृष्टिबाधित गायक-गायिकाओं ने हिस्सा लिया। मुस्कान आडियंस पोल में भी पहले नंबर पर रही। प्रतियोगिता के लिए आयोजकों ने सितंबर में वीडियो क्लिप के रूप में प्रविष्टियां मांगी थीं। अंतिम राउंड में मध्य प्रदेश से दो, राजस्थान और दिल्ली से एक-एक और हिमाचल से मुस्कान शामिल थी।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया दृष्टिबाधित व्यक्तियों की देश की सबसे बड़ी संस्था नेशनल एसोसिएशन फार द ब्लाइंड (एनएबी) और गोल्डन शाइन ट्रस्ट की ओर से दिल्ली में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सभागार में यह आयोजन किया। इस मेगा इवेंट में मुस्कान नेगी ने एक के बाद एक, कुल पांच गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता और एनएबी के महासचिव प्रशांत रंजन ने मुस्कान को 'गोल्डन वायसÓ का खिताब दिया। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि मुस्कान ने हिमाचल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और कई पुरस्कार जीते हैं। तीन साल पहले उन्होंने अमेरिका के पांच राज्यों में जाकर सुरों का जादू बिखेरा था। वह शिमला जिले के दूरदराज चिडग़ांव के सिंदासली की रहने वाली हैं। उनका सपना संगीत के क्षेत्र में और अधिक महारत हासिल करना और प्रोफेसर बनना है।


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