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President Himachal Visit : राष्ट्रपति के सामने मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल के लिए अलग रेजिमेंट की उठाई मांग

हिमाचल देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ से लेकर विक्रम बतरा और कई अन्य वीर सैनिकों ने हिमाचल का मान बढ़ाया है। ऐसे में प्रदेश के लिए सेना में अलग रेजिमेंट की जरूरत है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:04 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 05:04 PM (IST)
President Himachal Visit : राष्ट्रपति के सामने मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल के लिए अलग रेजिमेंट की उठाई मांग
मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल के लिए अलग रेजिमेंट की मांग उठाई । जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ से लेकर विक्रम बतरा और कई अन्य वीर सैनिकों ने हिमाचल का मान बढ़ाया है। ऐसे में प्रदेश के लिए सेना में अलग रेजिमेंट की जरूरत है। यह मांग हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की मौजूदगी में उठाई।

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उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी यह मांग उठाई थी, लेकिन अभी तक इसका गठन नहीं हुआ है। इसके अलावा पर्यटन विकास के लिए हिमाचल में रेल और हवाई सेवा का विस्तार भी बहुत जरूरी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री हिमाचल से हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी प्रदेश से ही हैं। ऐसे में उम्मीद है कि यह सब हिमाचल को मिलेगा। सेब के गिरते दाम पर ङ्क्षचता जताते हुए मुकेश ने बागवानों के हित देखते हुए विदेशी सेब आयात रोकने और शुल्क बढ़ाने की मांग उठाई।

उन्होंने कहा कि डा. यशवंत सिंह परमार की वजह से ही हिमाचल प्रदेश की अलग पहचान बनी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाया। फिर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के प्रयासों से प्रदेश विधानसभा को 68 सीटें मिली, नहीं तो 48 सीटें ही होनी थी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है। प्रदेश में जंगल कटान पर रोक है। इससे जंगल तो बचे हैं, लेकिन इसकी एवज में हिमाचल की जो मदद होनी चाहिए वह अभी तक नहीं हुई है। पंजाब के पुनर्गठन से पूर्व हिमाचल के जो पनविद्युत परियोजनाओं में अधिकार बनते हैं, वह प्रदेश को मिलने चाहिए।


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