मुख्यमंत्री की बैठक में छलका सांसद किशन कपूर का दर्द, भाजपा के खेमे में मची खलबली, पढ़ें पूरा मामला
MP Kishan Kapoor Disappointment लंबे समय से चुप चल रहे किशन कपूर ने पार्टी में कुछ प्रतिनिधियों की ओर से लगातार अनदेखी व बैठकों की सूचना न देने उन्हें न बुलाए जाने का गुबार बैठक में खूब निकाला। मन में जो टीस थी वह मुख्यमंत्री के सामने व्यक्त कर दी।
धर्मशाला, नीरज व्यास। MP Kishan Kapoor Disappointment, नगर निगम चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी नेताओं ने कमर कसी हुई है। प्रदेश सरकार के बजीर भी काफी दिन से यहां डेरा डाले हुए हैं। जहां रास्ते नहीं है वहां रास्ते का वादा जनता से कर रहे हैं और जहां पर लाइटें नहीं हैं वहां लाइटों का वादा कर रहे हैं। गरीबी उन्मूलन व लोगों को न्याय दिलवाने का अभियान भाजपा ने अपने कैबिनेट मंत्री के माध्यम से धर्मशाला में चला रखा है। वहीं वूल फेडरेशन के अध्यक्ष भी धर्मशाला व पालमपुर नगर निगम में भाजपा की गतिविधियों को गति दिए हुए हैं। ऐसे में जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पार्टी पर्यवेक्षक व प्रभारियों के साथ हुई बैठक में कांगड़ा चंबा के सांसद किशन कपूर भी पहुंचे। लेकिन लंबे समय से चुप चल रहे किशन कपूर ने पार्टी में कुछ प्रतिनिधियों की ओर से लगातार अनदेखी व बैठकों की सूचना न देने व उन्हें न बुलाए जाने का गुबार बैठक में खूब निकाला।
मन में जो टीस थी वह मुख्यमंत्री के सामने व्यक्त कर दी। सांसद किशन कपूर ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में नाराजगी व्यक्त करते हुए कह दिया कि उन्हें बैठकों व कार्यक्रमों की सूचना नहीं दी जा रही है। मंत्री राकेश पठानिया के कहने पर वह यहां आए हैं। जब बात मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंची तो मुख्यमंत्री ने भी बिना समय गंवाए डैमेज कंट्रोल के लिए कड़ा संज्ञान ले लिया। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में अधिमान देने व उनके अनुभव का लाभ लेने की नसीहत दे डाली।
नाराजगी जताकर पूरी तरह से कोपभवन में बैठे किशन कपूर को मुख्यमंत्री शांत करने के लिए हेलिकॉप्टर में अपने साथ फतेहपुर ले गए। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेता व कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर को अधिमान दिया और उसके लिए टीम को निर्देश भी दे दिए।
लेकिन पार्टी में मुख्यमंत्री के सामने किशन कपूर का इस तरह से बात रखने से जाहिर हो गया कि भाजपा के खेमे में भी कुछ सही नहीं चल रहा है। यहां पर भी कोई अलग खिचड़ी पक रही है। बैठक के बाद वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर भी किशन कपूर के निशाने पर रहे तो जिन्हें बैठकों के बारे में जानकारी देने के लिए अधिकृत किया गया है वह भी नाराजगी की परिधि में आए। खैर कितना डैमेज कंट्रोल भाजपा कर पाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन किशन कपूर ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना दर्द बयान करके भाजपा के खेमे में खलबली जरूर मचा दी है।
राकेश पठानिया गिना रहे कपूर व नैहरिया का विकास
एक से लेकर 17 वार्डों तक वन मंत्री राकेश पठानिया ने जो भी बैठक की है, वह उसमें कांगड़ा चंबा के सांसद किशन कपूर का नाम लेना व उनके द्वारा करवाए गए कार्यों को गिनाना नहीं भूले। वह यही कह रहे हैं कि जो विकास कार्य किशन कपूर ने शुरू किए थे, उन्हें विधायक विशाल नेहरिया आगे बढ़ा रहे हैं। अगर भविष्य में पार्षद व नगर निगम भी भाजपा की आती है तो विकास को पंख लगेंगे। यही नहीं कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर जब नूरपुर के प्रभारी थे तो उस वक्त कपूर ने जो मेहनत नूरपुर में भाजपा के लिए की, उसके किस्से भी जनता को सुना रहे हैं। ऐसे में कहीं न कहीं यह संदेश मंत्री दे रहे हैं कि किशन कपूर ने धर्मशाला व जिला कांगड़ा में पार्टी को मजबूत किया है।