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सदन में विधायक रमेश धवाला बोले, मंत्री के जवाब से हूं संतुष्‍ट, तो अध्‍यक्ष ने तपाक से कहा धन्‍यवाद

MLA Ramesh Dhawala अमूमन सत्ता पक्ष से सवालों की बौछार करने और सदन में अपनी बात बेबाकी से रखने वाले राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपने तेवर में नहीं दिखे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 08:16 AM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 08:16 AM (IST)
सदन में विधायक रमेश धवाला बोले, मंत्री के जवाब से हूं संतुष्‍ट, तो अध्‍यक्ष ने तपाक से कहा धन्‍यवाद
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपने तेवर में नहीं दिखे।

शिमला, राज्य ब्यूरो। MLA Ramesh Dhawala, अमूमन सत्ता पक्ष से सवालों की बौछार करने और सदन में अपनी बात बेबाकी से रखने वाले राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपने तेवर में नहीं दिखे। उन्होंने सवाल पूछा था कि प्रदेश में ऐसे कितने तहसीलदार हैं, जो तीन वर्ष से अधिक समय पर एक ही जगह पर डटे हुए हैं। जवाब में राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि केवल दो ही ऐसे तहसीलदार हैं, जिनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इसमें से मंडी के औट के तहसीलदार रमेश सिंह का अप्रैल में चंबा के सिंहुता के लिए तबादला हुआ था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से यह रद हो गया था। 

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इसके अलावा बद्दी के तहसीलदार मुकेश शर्मा की पदोन्नति जिला राजस्व अधिकारी के पद पर होनी है। अभी पदोन्नति का मामला विचाराधीन है। जैसे ही जवाब आया, धवाला अपनी सीट पर खड़े हुए बोले, मैंने पूछा था कि कई लोग एक ही जगह पर चार-पांच साल से बैठे रहते हैं। जवाब आया कि ऐसे तहसीलदार की संख्या दो ही है, इसलिए मैं मंत्री के जवाब से संतुष्ट हूं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने तपाक से बोला, आपका धन्यवाद।

जैसे ही सवाल की बारी आई, सदन मेें पहुंचे शांडिल

सोलन के विधायक कर्नल धनी राम शांडिल सदन में मौजूद नहीं थे। दो बजकर 39 मिनट पर उनका सकौड़ी सिंचाई योजना पर सवाल लगा हुआ था। अध्यक्ष ने उनका नाम लिया, बोल, अनुपस्थित, तब तक शांडिल अंदर आ गए। इसके बाद उन्होंने सवाल भी पूछा और जल शक्ति मंत्री ने जवाब भी दिया।

100 करोड़ से होगा लो वोल्टेज में सुधार : सुखराम

शिमला। हिमाचल प्रदेश करीब दस हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है। इससे पड़ोसी राज्य बेशक जगमगा उठते हैं, लेकिन पहाड़ के गांव में अब भी लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। अब बिजली बोर्ड ऐसे क्षेत्रों के लिए 100 करोड़ की नई योजना तैयार करेगा। यह सवाल सदन में उठा। कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध ङ्क्षसह ने अपने क्षेत्र में आ रही बिजली की समस्या से संबंधित सवाल पूछा। जवाब में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि शिमला जिले में 2018-19 और 2019-20 में सर्वे करवाया गया। इसमें पाया गया कि जिले में 225 गांव में लो वोल्टेज की समस्या है। इनमें 225 नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने प्रस्तावित थे। इसमें से 30 जून तक 178 ट्रांसफार्मर स्थापित किए जा चुके हैं। शेष 47 को इसी साल दिसंबर तक स्थापित कर लिया जाएगा।


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