Move to Jagran APP

बिनवा खड्ड के प्रतिबंधित हिस्से में हो रहा खनन

संवाद सहयोगी बैजनाथ उपमंडल में खनन माफिया बेलगाम हो गया है। बिनवा खड्ड के एक बड़े प्रतिब

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 09:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 09:14 PM (IST)
बिनवा खड्ड के प्रतिबंधित हिस्से में हो रहा खनन
बिनवा खड्ड के प्रतिबंधित हिस्से में हो रहा खनन

संवाद सहयोगी, बैजनाथ : उपमंडल में खनन माफिया बेलगाम हो गया है। बिनवा खड्ड के एक बड़े प्रतिबंधित हिस्से में खनन हो रहा है। खनन माफिया के खिलाफ न तो प्रशासन और न ही खनन विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है। बैजनाथ के ऐतिहासिक शिव मंदिर के नीचे खीर गंगा घाट से लेकर बिनवा रेल पुल के सौ मीटर नीचे तक खनन पर प्रतिबंध है। मगर यहां लगातार खनन हो रहा है।

loksabha election banner

खनन में जुटे लोगों ने बैजनाथ-पपरोला के श्मशानघाट की भूमि तथा पठानकोट-मंडी एनएच के किनारों को भी डंपिग साइट में बदल दिया है। यहां कुछ लोग घोड़ों की मदद से रेत बजरी निकालकर डंप कर उसे ट्रैक्टरों के माध्यम से आगे सप्लाई कर रहे हैं। यहां रेत बजरी निकालकर गांवों में बेचने वाले गरीब घोड़ापालकों को भी ये लोग रेत व बजरी नहीं निकालने दे रहे हैं। श्मशानघाट के मैदान को कुछ साल पहले प्रशासन ने ट्रक यूनियन को वाहन खड़े करने के लिए दिया था। इन्हीं वाहनों के पीछे रेत बजरी स्टोर की जा रही है। इससे यहां स्थान भी कम रह गया है और हर जगह कीचड़ फैल गया है।

श्मशानघाट सेवा समिति से जुड़े मिलाप राणा व मनोज सूद कहते हैं कि यहां कूड़े की डंपिंग साइट के बारे में प्रशासन को भी प्रस्ताव दिया जा चुका है। रेल पुल के नीचे से बना दिया रास्ता

बिनवा नदी पर अंग्रेजों के समय में बना रेल पुल है। खनन में जुटे लोगों ने इस पुल के नीचे से एक रास्ता बनाकर खनन का कार्य शुरू कर दिया है। यहां घोड़ों की मदद से रेत व बजरी निकालकर उसे एनएच में डंप कर ट्रैक्टरों की मदद से आगे बेचा जा रहा है। इससे रेल पुल को भी नुकसान हो सकता है। इस स्थान से रेलवे स्टेशन की दूरी महज पांच सौ मीटर है। मारंडा स्थित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बारे जानकारी नहीं है। श्मशानघाट के समीप ट्रक यूनियन के केवल वाहन ही खड़े होते हैं। यहां ट्रक यूनियन की तरफ से कोई डंपिंग साइट नहीं बनाई गई है। यदि कोई ट्रक यूनियन के नाम पर ऐसा कर रहा है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

तिलक राज डोगरा, अध्यक्ष, ट्रक यूनियन बैजनाथ। बैजनाथ में कहीं भी प्रशासनिक व कानून व्यवस्था नहीं है। शिव मंदिर से लेकर यहां के पुलों के नीचे खनन होना एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही है। एक ऐतिहासिक धरोहर व पुल को सरेआम खतरे में डाला जा रहा है। पूरे बैजनाथ क्षेत्र की जनता इस सरकार से त्रस्त हो चुकी है।

किशोरी लाल, पूर्व विधायक, बैजनाथ। प्रतिबंध क्षेत्र में किसी को भी खनन की अनुमति नहीं दी गई है। श्मशानघाट में डंपिंग का मामला सामने आया है। विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शिव मंदिर व पुल की सुरक्षा से खिलवाड़ सहन नहीं होगा।

मुल्खराज प्रेमी, विधायक, बैजनाथ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.