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पौंग झील के किनारे प्रवासी पक्षियों की मौत से वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

पौंग झील किनारे सिद्धाथा क्षेत्र में मंगलवार को प्रवासी पक्षियों की एकदम से हुई मौत से लोग सकते में हैं तथा वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है। वन्य प्राणी विभाग की देखरेख के बीच भी प्रवासी पक्षियों का शिकार हो रहा है।

By Richa RanaEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 04:19 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 04:25 PM (IST)
पौंग झील के किनारे प्रवासी पक्षियों की मौत से वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
पौंग डैम में प्रवासी पक्षियों की मौत से वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालों के घेरे में है।

जवाली, जेएनएन। पौंग झील किनारे सिद्धाथा क्षेत्र में आज प्रवासी पक्षियों की एकदम से हुई मौत से लोग सदमें में हैं तथा वन्य प्राणी विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है। वन्य प्राणी विभाग भले ही प्रवासी पक्षियों की देखरेख करता है लेकिन वन्य प्राणी विभाग की देखरेख के बीच भी धड़ल्ले से प्रवासी पक्षियों का शिकार हो रहा है। पौंग झील किनारे प्रतिबंध के बावजूद की गई खेती प्रवासी पक्षियों के लिए यमदूत बन रही है। फसल की आड़ में दवाई डालकर प्रवासी पक्षियों को मारा जा रहा है। सैंकड़ों प्रवासी पक्षियों का एक साथ मरना भी सवालिया निशान है। पक्षी प्रेमियों का कहना है कि फसल में दवाई डालकर प्रवासी पक्षियों को मारा गया है जिसकी जांच होनी चाहिए। अभी तक कोई भी पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार प्रवासी पक्षियों की मौत कैसे हुई है।

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      इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ राहुल एम रोहाणी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि विभागीय टीम को मौका पर जाने का निर्देश दिया गया है तथा मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। इसके बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।


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