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Micro ATM: हांफ गई माइक्रो एटीएम सेवा, बैंक मित्र के पैसे भी नहीं हुए पूरे

Micro ATM पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से कम से कम पांच किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर-द्वार पर बैंक के समान सेवा प्रदान करने वाले माइक्रो एटीएम हांफ गई हैं। करीब चार साल से माइक्रो एटीएम कार्य नहीं कर रही हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 07:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 08:04 AM (IST)
Micro ATM: हांफ गई माइक्रो एटीएम सेवा, बैंक मित्र के पैसे भी नहीं हुए पूरे
घर-द्वार पर बैंक के समान सेवा प्रदान करने वाले माइक्रो एटीएम हांफ गई हैं। जागरण आर्काइव

सुरेंद्र शर्मा, मंडी। पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से कम से कम पांच किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर-द्वार पर बैंक के समान सेवा प्रदान करने वाले माइक्रो एटीएम हांफ गई हैं। करीब चार साल से माइक्रो एटीएम कार्य नहीं कर रही हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों को बैंक में लेनदेन करने के लिए गांव से दूर बैंक शाखा तक पहुंचना पड़ रहा है। इस सुविधा के हांफने से घर-द्वार पर लोगों को बैंकिग सेवा प्रदान करने वाले बैंक मित्र द्वारा माइक्रो एटीएम डिवाइस पर खर्च की गई राशि भी वसूल नहीं हो पाई है।

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2016 में प्रदेश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से बैंकों को हर जरूरतमंद व्यक्ति तक अपनी पहुंच और हर आदमी को बैंक से जोडऩे की मुहिम शुरू की थी। इसके लिए लोक मित्र केंद्र संचालकों को प्रशिक्षित कर माइक्रो एटीएम दी थी। माइक्रो एटीएम से केंद्र संचालक किसी भी व्यक्ति को अपने केंद्र में पैसे निकलवाने या जमा करवाने की सुविधा प्रदान कर रहा था। इससे सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के खाते से पैसे निकलवाए जा सकते थे। मशीन से ग्राहक को पीएनबी की ङ्क्षप्रट रसीद भी निकलती थी। ग्रामीण क्षेत्र में इस सुविधा से बैंकों में उमडऩे वाली भीड़ भी कम हुई थी। लोगों के समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत हो रही थी। आजकल ग्रामीण बैंक, एचीडीएफसी, एसबीआइ, यूको बैंक, ग्रामीण बैंक भी अपने उपभोक्ताओं को माइक्रो एटीएम की सुविधा दे रहा है। बैंक मित्र भूपेंद्र कुमार व ङ्क्षवटन ने बताया कि 18,500 रुपये की माइक्रो एटीएम बैंक की ओर से दी गई हैं। वेरीफोन कंपनी की डिवाइस मुश्किल से एक साल भी कार्य नहीं कर पाई है। मंडी सर्कल जिसमें मंडी कुल्लू व लाहुल स्पीति क्षेत्र आता है यहां पर करीब 50 माइक्रो एटीएम बैंक मित्रों को प्रदान किए गए हैं।

ग्रामीणों के लिए वरदान थी मशीन

माइक्रो एटीएम को बैंक मित्र जहां चाहे बैग में डालकर ले जा सकता है और लोगों को सुविधा मुहैया करवा सकता है। मशीन बायोमीट्रिक प्रणाली से लैस है। हाथ की अंगुली लगाने पर भी यह किसी व्यक्ति को पहचान सकती है। लोगों को बैंक मित्र निकाली गई राशि अपनी जेब से देगा। इसमें गड़बड़ी की आशंका न के बराबर होगी। कई बार एटीएम से कटे फटे नोट निकल आते हैं और कई बुजुर्गों को एटीएम भी चलाने नहीं आता है। उन लोगों के लिए यह मशीन किसी वरदान से कम नहीं है।

क्या है माइक्रो एटीएम

यह माइक्रो एटीएम एक खास तरह का डिवाइस है। इसके लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है। यह डिवाइस मोबाइल से कनेक्ट होकर काम करता है। यह दुकानों पर रखी जाने वाली स्वैप मशीनों के जैसा होता है। बैंक ने दो कंपनियों के डिवाइस हैं। वेरीफोन की डिवाइस तो बंद है। स्मार्ट चिप की (मोरफो डिवाइस) चल रही है। वेरीफोन डिवाइस अपग्रेड नहीं होने की वजह से कार्य करना बंद कर दिया।

चिप बेस्ड माइक्रो एटीएम की अपग्रेडेशन न होने के कारण यह कार्य नहीं कर रही है। दिल्ली मुख्यालय से पत्राचार किया गया है। तकनीकी खामी को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैंक मित्रों को अन्य डिवाइस भी दिए जा सकते हैं। -विजय मुंजल, सर्कल प्रमुख पंजाब नेशनल बैंक मंडी।


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