आइजीएमसी शिमला में छात्र की रैगिंग, दो इंटर्न पर केस; तीन साल से तंग करने का आरोप
MBBS Student Ragging चिकित्सा संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के दो वरिष्ठ प्रशिक्षुओं पर जूनियर की रैगिंग का आरोप लगा है।
शिमला, जेएनएन। प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के दो वरिष्ठ प्रशिक्षुओं पर जूनियर की रैगिंग का आरोप लगा है। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीडि़त छात्र ने बताया कि वह सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे भावा हॉस्टल से रमन हॉस्टल की तरफ आ रहा था। परीक्षा के तैयारी के लिए वह भावा हॉस्टल में दूसरे छात्रों के पास गया हुआ था। जब वह गेट पर पहुंचा तो दो इंटर्न नशे में बहस कर रहे थे। वह वहां से गुजरने लगा तो उन्होंने उसे गालियां दी और फिर पीटा।
छात्रावास के गेट पर हुआ हंगामा सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है। छात्र ने वार्डन को इसकी सूचना दी। इसके बाद लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी में शिकायत की गई। छात्र का आरोप है कि तीन साल से जूनियर के साथ रैगिंग की जा रही है। सीनियर रातभर जगाते हैं, उनसे अपनी फाइलें बनवाते हैं।
एसपी शिमला मोहित चावला ने बताया कि रैगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। छानबीन की जा रही है।
आइजीएमसी प्रशासन ने माना रैगिंग का मामला
आइजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में इसे रैगिंग का मामला ही माना गया। पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन ने पुलिस को भेज दी है।
पहले भी हुए हैं मामले
आइजीएमसी शिमला में वर्ष 2018 में भी रैगिंग का मामला सामने आया था। उस दौरान फ्रेशर पार्टी में जूनियर की पिटाई की गई थी। इसमें भी मामला दर्ज हुआ था। 2019 में भी एक मामला सामने आया था, जिसमें बिना नाम के प्रिंसिपल ऑफिस को मेल की गई थी, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
टांडा में 2009 में अमन काचरू की हुई थी मौत
कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल कॉलेज में रैगिंग लिए जाने के बाद 19 वर्षीय छात्र अमन काचरू की आठ मार्च 2009 को मौत हो गई थी। इसमें चारों दोषियों को गैर इरादतन हत्या का चार-चार साल की सजा व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।