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दो साल से कम उम्र के बच्‍चे को मास्‍क पहनाना खतरे से खाली नहीं, जानिए क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

Mask Wear Guidelines अगर बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है। बड़ों की तरह बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को घर पर रखना ही बेहतर है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 03:59 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 03:59 PM (IST)
दो साल से कम उम्र के बच्‍चे को मास्‍क पहनाना खतरे से खाली नहीं, जानिए क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ
बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है।

शिमला, जागरण संवाददाता। अगर बच्चा दो साल से कम उम्र का है तो मास्क पहनाने के कारण उसे घुटन हो सकती है। बड़ों की तरह बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को घर पर रखना ही बेहतर है, यह कहना है रिपन अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डाॅ. राजेश राणा का। उन्होंने कहा कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण के चलते अभिभावक अपने बच्चों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित है। बच्चों को वायरस से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बच्चे घरों में बंद हैं। सरकार को भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष चिंता है।

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उन्होंने बताया अगर दो वर्ष से ज्‍यादा आयु के बच्चों को बाहर ले जाया जा रहा है तो उन्हें मास्क पहनाया जा सकता है। लेकिन दो साल से कम के शिशुओं को मास्क पहनाने से जोखिम हो सकता है। छोटे बच्चों की श्वास नलिका संकरी होती है, इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सबसे बेहतर उन्हें घर पर ही रखना है। व्यस्क सदस्य घर पर रहने के दौरान भी हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धोएं और हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

बच्चों में कम होती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

कोरोना किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं से कम होती है। बच्चे और बुजुर्ग कोरोना के कारण अधिक गंभीर स्थिति में जा सकते हैं, जो पहले से ही किसी बीमारी की चपेट में हैं। इस स्थिति में इन्हें अतिरिक्त देखभाल और सावधानी की आवश्यकता होती है। बच्चों को जंक फूड से बिल्कुल दूर रखें। उन्हें घर पर बना ताजा भोजन ही खिलाएं। फलों में सीट्रस फल के अलावा सीजनल फल खिलाएं। व्यायाम और सैर करने के लिए प्रोत्साहित करें। ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद मोबाइल पर गेम खेलने की जगह उन्हें रचनात्मक कार्यों में लगाएं। खांसी जुकाम के लक्षण नजर आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं।


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