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शहादत के 21 वर्ष बाद मिला शहीद मेजर सुधीर वालिया को सम्‍मान, पालमपुर में प्रतिमा स्‍थापित; जानिए

Martyr Major Sudhir Walia शहादत के 21 वर्षों बाद अब जाकर मेजर सुधीर वालिया अशोक चक्र विजेता की प्रतिमा को स्थान मिला है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 03:22 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 03:22 PM (IST)
शहादत के 21 वर्ष बाद मिला शहीद मेजर सुधीर वालिया को सम्‍मान, पालमपुर में प्रतिमा स्‍थापित; जानिए
शहादत के 21 वर्ष बाद मिला शहीद मेजर सुधीर वालिया को सम्‍मान, पालमपुर में प्रतिमा स्‍थापित; जानिए

पालमपुर, जेएनएन। शहादत के 21 वर्षों बाद अब जाकर मेजर सुधीर वालिया अशोक चक्र विजेता की प्रतिमा को स्थान मिला है। पालमपुर में नगर परिषद के वार्ड नंबर दो में धर्मशाला-पालमपुर बाईपास चौक पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी व शहीद स्‍वजनों की उपस्थिति में उनकी प्रतिमा स्थापित की। प्रतिमा स्थापना के बाद शांता कुमार ने कहा कि पालमपुर की जनता और प्रशासन के सहयोग से क्षेत्र के शहीदों को पूरा सम्मान दिया जा रहा है। शहीद कैप्‍टन सौरभ कालिया के नाम वन विहार और पर्यटन का सबसे अच्छा क्षेत्र बना है। लेकिन प्राकृतिक आपदा से इसका कुछ हिस्सा ध्वस्त हो चुका है। उन्होंने आशा व्यक्त कि प्रदेश सरकार अपने वादे अनुसार इसे शीघ्र पुर्ननिर्मित करेगी। जबकि शहीद कै. विक्रम बत्तरा के

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नाम महाविद्यालय संचालित हो रहा है और इंसाफ संस्था ने उनके नाम विंद्रावन पंचायत में वन विहार की स्थापना की है।

शांता कुमार ने कहा कि शहीद मेजर सुधीर वालिया की प्रतिमा स्थापना में विलंब हुआ है, मगर प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की है। आज प्रतिमा स्थापित हुई है। शहीदों को नमन करता हूूं, जो देश की सेवा में बहुत अच्छा काम कर गए है और अभी भी हमारे योद्धा देश की सेवा कर रहे हैं।

शहीद के पिता सूबेदार रूलिया राम ने कहा 21 वर्षाें के उपरांत शहीद के नाम प्रतिमा की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा देर से ही सही मगर शहीद को सम्मान मिला है। वहीं राज्यसभा सदस्‍य इंदु गोस्वामी ने कहा उन्होंने 2017 के चुनाव में जनता से वादा किया था कि शहीदों को न्याय मिलना चाहिए। उनकी यादगार में किस्सों को लोग पढ़ें और प्रेरणा लें। मेजर सुधीर वालिया ने बहुत छोटी उम्र में देश की खातिर प्राणों की आहूति दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अभी प्रतिमा स्थल पर गुमटी व छतरी लगाई जाएगी, जो राजस्थान से रविवार को पहुंच जाएगी।

इसके साथ ही यहां बैंच की स्थापना और प्रतिमा स्थल का सौंदर्यीकरण करवाने के बाद मुख्यमंत्री से इसका पुन: अनावरण करवाया जाएगा। वहीं की माता भी  बीमार होने के बावजूद व्हील चेयर पर इस दौरान वहां पहुंचीं।

इस मौके पर स्थानीय विधायक आशीष बुटेल, शहीद मेजर सुधीर वालिया के पिता सूबेदार रूलिया राम वालिया, माता राजेश्वरी देवी, भाभी सिमरन वालिया, बहन आशा वालिया, बहनोई प्रवीण अहालुवालिया, एसडीएम धर्मेश रामोत्रा, डीएसपी अमित शर्मा, तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री, नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद सहित एसडीएम धर्मेश रामोत्रा सहित क्षेत्र के बुुद्धिजीवी लोग उपस्थित रहे।

इसके बाद करणी सेना की आरे से आयोजित रक्तदान में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए शहीद के पिता सूबेदार रूलिया राम वालिया ने रक्तदाताओं को आर्शीवाद दिया। इस दौरान 21 यूनिट रक्तदान किया गया।

यह है उनका परिचय

कारगिल के युद्ध में अपना शौर्य दिखा चुके मेजर सुधीर वालिया को साथियों ने उनकी बहादुरी के लिए रैंबो नाम दिया था। वह 29 अगस्त, 1999 को कुपवाड़ा के जंगलों में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे। 9 वर्ष की सैन्य सेवा में उन्होंने 15 मेडल प्राप्त किए थे। श्रीलंका में उन्हें शांति दूत के रूप में भी पुकारा जाता था। पेंटागन में 70 देशों के प्रतिनिधि गए थे, उसमें भारत की ओर से उन्होंने टॉप किया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है उन्होंने भारतीय सेना में दो बार लगातार सेना मैडल प्राप्त किया था, जो बहुत कम सैनिकों को मिलता है। जनरल वीपी मलिक के साथ मेजर सुधीर वालिया ने बतौर निजी सहायक के रूप में भी कार्य किया तथा मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र दिया गया।


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