आफत की आंधी, मेहनत पर ओले
वाद सहयोगी बैजनाथ उपमंडल बैजनाथ में शनिवार सायं भारी ओलावृष्टि हुई। इससे आम लीची सहित सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। करीब आधे घंटे तक चली इस ओलावृष्टि में कुछ ही पलों में किसानों की मेहनत चौपट हो गई। इससे कुछ स्थानों में वाहनों के शीशे आदि भी टूटने की सूचनाएं है। किसानों की मानें तो क्षेत्र में ऐसी भयंकर ओलावृष्टि पहले नहीं देखी गई थी। ओले गिरने के कारण सड़कों से लेकर आसपास की पहाड़ियां सफेद हो गई तथा ऐसे लगने लगा कि यहां बर्फबारी हुई हो। सेहल पंचायत के प्रधान रविद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी भयंकर ओलावृष्टि पहले कभी नहीं देखी। इससे यहां बागवानी व रबी की
जागरण टीम, बैजनाथ/बरोट : तेज आंधी से शनिवार को बैजनाथ क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। साथ ही किसानों की मेहनत पर ओले गिरे हैं। इससे गेहूं की फसल के साथ-साथ आम, लीची व सब्जी को भारी नुकसान हुआ है। करीब आधे घंटे तक हुई ओलावृष्टि से कई वाहनों के शीशे भी टूट गए हैं।
किसानों की मानें तो क्षेत्र में ऐसी ओलावृष्टि पहले नहीं हुई है। ओले गिरने से सड़क से लेकर आसपास की पहाड़ियां भी सफेद हो गई हैं। सेहल पंचायत के प्रधान रविद्र कुमार ने बताया कि उन्होंने जीवन में ऐसी ओलावृष्टि पहले कभी नहीं देखी है। कंदराल के पूर्व प्रधान विरेंद्र कटोच ने बताया कि ओलावृष्टि से उनका सेब का बगीचा नष्ट हो गया है। सबसे अधिक किसानों को हुआ है। उधर, छोटा भंगाल तथा चौहार घाटी में भी कुदरत का कहर बरपा है। दोनों घाटियों में सरसों, लहुसन, फसल व जौ की फसल प्रभावित हुई है। साथ ही सेब, प्लम व खुमानी आदि फलदार पौधों की फ्लावरिग भी प्रभावित हुई है। किसानों जसवंत, सीता राम, वजिद्र सिंह, प्यार चंद, रूप लाल, शंकर देव, रागी राम, संजय, राम लाल, तुआरू राम, बलदेव व बुधराम ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उन्होंने शारीरिक दूरी बनाकर आलू की फसल बीजी है तेज तूफान के साथ बारिश व ओलावृष्टि ने सब कुछ तबाह कर दिया है। साथ ही दोनों घाटियों में बारिश व ओलावृष्टि से ठंड का प्रकोप भी बढ़ गया है। टिक्कन के नायब तहसीलदार ज्ञान चंद ने कहा कि पटवारियों को नुकसान का जायजा लेने के लिए फील्ड में भेजा जाएगा।