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ज्‍वालामुखी में विवाद गहराने के डर से मंडल भाजपा ने 48 घंटे के भीतर ही शहरी भाजपा अध्यक्ष रामस्‍वरुप को पद से हटाया

मास्टर रामस्वरूप की नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद के बाद मंडल भाजपा ने 48 घंटे के भीतर ही उन्हें पद से हटाकर पदभार मुक्त कर दिया है। जिला संगठन व ज्वालामुखी के ही कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 03:36 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 03:36 PM (IST)
ज्‍वालामुखी में विवाद गहराने के डर से मंडल भाजपा ने 48 घंटे के भीतर ही शहरी भाजपा अध्यक्ष रामस्‍वरुप को पद से हटाया
रामस्‍वरुप को भाजपा ने 48 घंटे के भीतर ही उन्हें पद से हटाकर पदभार मुक्त कर दिया है।

प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी। ज्वालामुखी शहरी भाजपा के अध्यक्ष पद पर मास्टर रामस्वरूप की नियुक्ति को लेकर उपजे विवाद के बाद मंडल भाजपा ने 48 घंटे के भीतर ही उन्हें पद से हटाकर पदभार मुक्त कर दिया है। साथ ही कहा है कि जिला संगठन व ज्वालामुखी के ही कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है। मंडल नहीं चाहता है कि लड़ाई बढ़े जिससे पार्टी की किरकिरी हो। पार्टी सर्वोपरि है इसलिए मास्टर रामस्वरूप की सेवाओं को यहीं विराम दिया गया है। मंडल ने कहा है कि अब कोई भी नियुक्ति जिला संगठन को विश्वास में लेने के बाद ही की जाएगी ताकि समन्वय की कमी के कारण इस तरह के विवादों का जन्म ही न हो। उधर जिला संगठन ने मंडल के इस फैसले का स्वागत किया है कहा है कि मास्टर

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रामस्वरूप लंबे अरसे से विवादित चेहरा हैं। दशकों तक कांग्रेस पार्टी में सेवायें देने के बाद अभी तक भी रामस्वरूप भाजपा के क्रियाकलापों तथा विचारधारा में खुद को नहीं ढाल पाए हैं। एक रामस्वरूप के कारण ज्वालामुखी से दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं को जो वर्षों से पार्टी को ईमानदारी सेवायें दे रहे हैं नाराज़ नहीं किया जा सकता।

मास्टर रामस्वरूप व विवादों का रहा चोली दामन का साथ

मास्टर रामस्वरूप तथा विवाद हमेशा साथ साथ रहे हैं। या यूं कहा जा सकता है कि इन दोनों का चोली दामन का साथ रहा है. लगभग 5 साल तक जब विधायक धवाला ज्वालामुखी से विधायक नहीं थे रामस्वरूप जवालामुखी शहरी भाजपा के खुद मनोनीत अध्यक्ष बने रहे। पिछले साल संगठन मंत्री पवन राणा के खिलाफ बयानबाजी के बाद उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा था। उन्हें प्रदेश भाजपा ने यह कहकर निष्काषित किया कि पार्टी में वे मनघड़ंत ढंग से शहरी भाजपा के अध्यक्ष बने रहे।

दूसरी बार मास्टर रामस्वरूप को प्रदेश भूतपूर्ब कर्मचारी प्रकोष्ठ का प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाने की घोषणा हुई, लेकिन तब भी तीन दिन बाद ही उन्हें पद से हटाया गया। अब सोमवार को उन्हें पुनः शहरी भाजपा का अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई थी.जिसे बुधवार को वापिस लेकर उन्हें पद से हाथ धोना पड़ा है।

यह बोले जिला अध्यक्ष संजीव शर्मा

मास्टर रामस्वरूप पार्टी की आंखों में धूल झोंककर पांच साल असंवैधानिक रूप से शहरी भाजपा का तमगा लगाकर फिरते रहे हैं। जबकि भाजपा में ऐसा कोई पद नहीं है। मंडल ने उन्हें हटाया है तो यह सराहनीय है। आगे के लिए मंडल इस तरह के एकतरफा फैसलों को लेकर सजग रहे।

यह बोले मंडल अध्यक्ष मान सिंह राणा

मास्टर रामस्वरूप को लेकर कई भ्रांतियां हैं। उन्हें पद से हटाया गया है। अब कोई भी शहरी भाजपा का अध्यक्ष नहीं है। पार्टी हाइकमान इस पद की मंजूरी देगी तभी किसी की नियुक्ति होगी।


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