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मनाली लेह मार्ग के दोनों छोर जुड़े, आवाजाही को तैयार सेना का काफिला

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 430 किमी लंबे मनाली लेह मार्ग के दोनों छोर जुड़ गए हैं। सूत्रों की माने तो बीआरओ कभी भी सड़क बहाली की घोषणा कर सकता है। मनाली की ओर से नौ टैंकर अटल टनल होते लेह के लिए निकल गए हैं।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 04:12 PM (IST)
मनाली लेह मार्ग के दोनों छोर जुड़े, आवाजाही को तैयार सेना का काफिला
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 430 किमी लंबे मनाली लेह मार्ग के दोनों छोर जुड़ गए हैं।

मनाली, जेएनएन। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 430 किमी लंबे मनाली लेह मार्ग के दोनों छोर जुड़ गए हैं। सूत्रों की माने तो बीआरओ कभी भी सड़क बहाली की घोषणा कर सकता है। मनाली की ओर से नौ टैंकर अटल टनल होते लेह के लिए निकल गए हैं। यह टैंकर दारचा में रुके हुए थे लेकिन आज यह सभी वाहन दारचा से लेह के लिए रवाना हो गए हैं।

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हालांकि गत दिनों हुई बर्फबारी ने बीआरओ को पीछे धकेला था लेकिन बीआरओ ने दिन रात एक कर ताजा बर्फ को हटा लिया है। सामरिक मार्ग को मनाली से सरचू तक बीआरओ की दीपक परियोजना व लेह की ओर से हिमांक परियोजना सड़क बहाली को अंजाम देती है। बीआरओ ने 15 अप्रैल से पहले ही मार्ग को बहाल करने का लक्ष्य रखा है जिसका पीछा करते हुए बीआरओ सफल होता दिख रहा है। सरचू तक गए लाहुल के वाहन चालक दोरजे व रोकी ने बताया कि बीआरओ की टीम बारालाचा से आगे निकल गई है। उन्होंने बताया कि  बीआरओ की रफ्तार ऐसी ही रही तो एक दो दिन के भीतर मनाली लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सकती है।

अटल टनल ने आसान की बीआरओ की राह

रोहतांग दर्रे पर बनी अटल टनल रोहतांग ने बीआरओ की राह को आसान किया है। ऊंचाई के हिसाब से रोहतांग दर्रा हालांकि बारालाचा दर्रे की ऊंचाई से दो हजार फीट कम है लेकिन बीआरओ की माने तो बारालाचा दर्रे की तुलना में रोहतांग  की बहाली कठिन व जोखिमभरी है। टनल बनने से रोहतांग दर्रे की दिक्कत दूर हो गई है। अटल टनल के चलते बीआरओ ने पहली बार लाहुल घाटी को सर्दियों में भी बहाल रखा जिस कारण लाहुल के लोगों का सर्दियों में भी आना जाना लगा रहा। लाहुल  के लोगों को हवाई सेवा पर निर्भर नहीं  रहना पड़ा है

बर्फबारी न होने से कम हुई कसरत

इस साल सर्दियों में बर्फबारी न के बराबर हुई है। इस कारण बीआरओ को पहाड़ जैसी बर्फ की दीवार का सामना नहीं करना पड़ा है और कसरत भी कम हुई है। इससे पहले मनाली लेह मार्ग मई व जून में बहाल होता रहा है लेकिन इस बार कम बर्फ बारी व अटल टनल के बनने से मार्ग अप्रैल के पहले सप्ताह ही बहाल होने जा रहा है।

बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि ताजा बर्फबारी से बीआरओ की सड़क बहाली प्रभावित हुई है लेकिन बीआरओ ने मौसम साफ होते ही बहाली के कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। बीआरओ जल्द ही मनाली को लेह से जोड़ देगा।

गाहर नाले में एवलांच आने से बंद है तांदी संसारी मार्ग

लाहुल घाटी का मुख्य तांदी संसारी मार्ग पांगी के पास गाहर नाले में हिमस्खलन होने से बन्द हो गया है। जिससे पांगी व किलाड़ घाटी का लाहुल से संपर्क कट गया है। बीआरओ सड़क बहाली में जुटा हुआ है। आज देर शाम तक सड़क बहाल होने की उम्मीद है।


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