सात महीने बाद लाहुल से जुड़ी स्पीति घाटी, मनाली-काजा मार्ग खुला, चंद्रताल झील तक पहुंचना हुआ आसान
Spiti Valley बीआरओ ने मनाली-काजा मार्ग को सोमवार देर रात बहाल कर लिया है। बीआरओ ने इस बार 20 दिन पहले मार्ग बहाल करने में सफलता पाई है। 15 हजार फीट ऊंचे कुंजुम दर्रे के बहाल होते ही स्पीति घाटी सात महीने बाद जिला मुख्यालय केलंग से जुड़ गई है।
मनाली, जसवंत ठाकुर। बीआरओ ने मनाली-काजा मार्ग को सोमवार देर रात बहाल कर लिया है। बीआरओ ने इस बार 20 दिन पहले मार्ग बहाल करने में सफलता पाई है। 15 हजार फीट ऊंचे कुंजुम दर्रे के बहाल होते ही स्पीति घाटी सात महीने बाद जिला मुख्यालय केलंग से जुड़ गई है। ग्रांफू से कुंजुम की ओर जा रही बीआरओ की 94 आरसीसी मंगलवार को काजा से आ रही 108 आरसीसी की टीम से छोटा दड़ा में मिल गई है। इस मार्ग के बहाल होते ही सैलानी अब ऐतिहासिक चंद्रताल झील के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि कोरोना संकट में अभी पर्यटन कारोबार चौपट है लेकिन हालात सामान्य होते ही चन्द्रताल झील में रौनक लौट आएगी।
नवंबर से बंद पड़ा यह मार्ग सात महीने बाद लाहुल घाटी सहित पर्यटन नगरी मनाली से जुड़ गया है। इस मार्ग के बहाल होते ही विश्व के टॉप टेन टूरिस्ट डैस्टिनेशन में शामिल स्पीति घाटी भी मनाली से जुड़ गई है। लोगों को सात महीने बाद कुंजुम माता के दर्शन करने को मिलेंगे। शुरुआती दिनों में सफर संभल कर करना होगा। छोटे वाहन चालक अभी जोखिम न लें तो बेहतर रहेगा। बीआरओ ने लेह मार्ग बहाली के बाद ग्राम्फु से सड़क बहाली शुरू की थी।
सर्दियों में बर्फबारी कम होने के कारण बीआरओ ने स्पीति के लोसर गांव को सर्दी भर बहाल रखा। लेकिन अप्रैल मई की बर्फबारी ने बीआरओ की दिक्कत को बढ़ाया।
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि कुंजुम दर्रे के दोनों छोर जोड़ दिए हैं। बीआरओ की दोनों टीमें छोटा दड़ा में मिल गई हैं। उन्होंने बताया ग्रांफू समदो मार्ग पर जल्द ही वाहनों की आवाजाही सुचारू हो जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अभी कुछ जगह सड़क की हालत ठीक नहीं है तथा बर्फ हटाने का थोड़ा सा कार्य भी शेष रह गया है। उन्होंने वाहन चालकों से आग्रह किया कि ट्रैफिक सुचारू होने को दो तीन दिन लग जाएंगे। इसलिए अभी जल्द बाजी ने करें।