कोरोना : फीका रहा मकर संक्रांति का स्नान
सुनील राणा देहरा मकर संक्रांति के स्नान पर कोरोना संक्रमण का असर पूरी तरह नजर आय
सुनील राणा, देहरा
मकर संक्रांति के स्नान पर कोरोना संक्रमण का असर पूरी तरह नजर आया। मिनी हरिद्वार कहे जाने वाले कालीनाथ कालेश्वर महादेव में श्रद्धालु पहुंचे तो जरूर, लेकिन गिने चुने। सामान्य दिनों में यह संख्या हजारों में होती थी।
हालांकि प्रशासन ने औपचारिक रूप से स्नान पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई थी, लेकिन शायद कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्क अधिकतर लोग यहां नहीं आए। कभी पूरी तरह भरी रहने वाली पंजतीर्थी खाली-खाली सी नजर आई। उपमंडल देहरा के तहत कालेश्वर महादेव में स्थित पंजतीर्थी में स्नान का अपना ही महत्व है। सामान्य दिनों में यहां मकर संक्रांति पर स्नान करने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से लोग पहुंचते थे। मान्यता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने यहां लंबे समय तक प्रवास किया। इस दौरान उनकी माता कुंती प्रतिदिन स्नान के लिए हरिद्वार जाया करती थीं। इस पर पांचों भाइयों ने पांच तीर्थों हरिद्वार, उज्जैन, प्रयाग, नासिक और र्त्यंबकेश्वर से जल लाकर यहां कुएं में डाल दिया था। तबसे यहां पर पानी का पवित्र कुंड मौजूद है। पांच तीर्थों के जल के मिश्रण की वजह से इसे पंजतीर्थी कहा जाता है। माना जाता है कि यहां एक स्थान पर स्नान से इन पांच तीर्थ के स्नान के बराबर फल मिलता है। लोगों के कम आने की वजह से स्थानीय बाजार के दुकानदार भी मायूस रहे। दुकानदारो कृष्ण कुमार, केवल सिंह और पप्पू राम का कहना है कि कोरोना की वजह से इस बार यहां पहले के मुकाबले पांच फीसद लोग भी नहीं आए। इस वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है।
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श्री चामुंडा मंदिर में हजारों भक्तों ने नवाया शीश
संवाद सहयोगी, योल : श्री चामुंडा देवी मंदिर में मकर संक्रांति पर 5000 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि कोरोना नियमों के तहत ही श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं। मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया है। अगर किसी श्रद्धालु में लक्षण दिख रहे हैं तो मौके पर ही टेस्ट किए जा रहे हैं।