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Locust Attack: टिड्डियों से निपटने के लिए किसानों ने शुरू की तैयारी, जानिए विशेषज्ञों की राय

Locust Attack टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए किसान अलर्ट हो गए हैं। पंजाब से सटे जिला ऊना और कांगड़ा के किसानों के साथ कृषि विभाग भी सतर्क हो गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 06:58 PM (IST)
Locust Attack: टिड्डियों से निपटने के लिए किसानों ने शुरू की तैयारी, जानिए विशेषज्ञों की राय
Locust Attack: टिड्डियों से निपटने के लिए किसानों ने शुरू की तैयारी, जानिए विशेषज्ञों की राय

ऊना, जेएनएन। टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए किसान अलर्ट हो गए हैं। पंजाब से सटे जिला ऊना और कांगड़ा के किसानों के साथ कृषि विभाग भी सतर्क हो गया है। ऊना में विशेषकर स्वां नदी में 24 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में एक साथ बेमौसमी हरी सब्जियों का उत्पादन हो रहा है। यहां इनके प्रकोप की सबसे अधिक आशंका है। पंजाब से हिमाचल के इस जिला में पहुंचते ही यह दल स्वां की इन सब्जियों को तबाह कर सकते हैं। इसके अलावा आम किसानों को भी ऐसा ही भय बना हुआ है।

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जिला में स्वां नदी में बाहरी राज्यों के हजारों परिवार हरी सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में भी आम किसानों द्वारा हरी सब्जी लगाई गई है। टिड्डी दल के पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए इन लोगों के चेहरों पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं। हालांकि उनमें कुछ लोगों ने बताया कि वे इस दल से अपने स्तर पर निपटने के लिए भी कुछ इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा।

स्वां नदी में हरी सब्जी के उत्पादन से जुड़े रफीक मोहम्मद, दिलबर खान, अकरम व जाफर का कहना है कि वे और उनके परिवार यहां करीब तीस सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के प्रकोप के बारे में कभी नहीं सुना गया था। अब सोशल मीडिया से यह जानकारी मिली है इससे वे भयभीत हैं। हालांकि वे खेतों में बराबर नजर रखेंगे। कुछ ध्वनि करने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

ऊना के कोटला कलां के बलवंत सैणी, राम स्वरूप, हरीश कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने भी खेतों में हरी सब्जियाें का उत्पादन कर रखा है। ऐसे में अगर टिड्डी दल यहां पहुंचता है तो उनके पास फसलों को बचाने का कोई इंतजाम फिलहाल नहीं है। ऐसे में वे सरकार से ही इसके बचाव के लिए उचित प्रबंध करने की अपील कर रहे हैं। खरीफ की फसलों की बिजाई शुरू होने वाली है, जिसमें कृषक मक्की, सब्जियां, दालों की बिजाई आने वाले दिनों में करेंगे। कृषि विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है कि हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में टिड्डियों का दल फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है तथा इसके चलते जिला ऊना के कृषकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

कृषि उपनिदेशक ऊना डॉ. सुरेश कपूर ने कहा किसान अपनी फसलों का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें, क्योंकि जिला ऊना पड़ोसी राज्यों के साथ लगता है। उन्होंने कहा कि इन टिड्डियों के जिला ऊना में आने की आशंका है। उन्होंने कृषकों से अपील की है कि यदि किसी कृषक के खेतों में टिड्डियों का प्रकोप दिखाई दे तो वे अपने नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क करें।

डॉ. सुरेश कपूर ने बताया कि टिड्डियों से अपने खेतों की रक्षा के लिए थाली व ढोल बजा कर भगा सकते हैं और कीटनाशकों का स्प्रे कर सकते हैं। उन्होंने बताया इन कीटनाशकों में क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत 2.4 मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी के हिसाब से प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा क्लोरपायरीफॉस 50 प्रतिशत 1 मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी, मैलाथियॉन 50 प्रतिशत 3.5 मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी और मैलाथियॉन 20 प्रतिशत को 7.5 मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी में मिश्रित कर इनका उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रति एक हेक्टेयर जमीन पर इन कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए 500 लीटर पानी की आवश्यकता होगी।


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