Move to Jagran APP

Lockdown: मंडियां खुलीं पर सब्जी ढोने के लिए नहीं मजदूर, 50 हजार की जरूरत; दो से तीन हजार ही मौजूद

Lockdown Effect प्रदेश सरकार ने सब्जी मंडियों को खोल दिया है लेकिन उन्हें ढोने के लिए मजदूर नहीं हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 11:14 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 11:14 AM (IST)
Lockdown: मंडियां खुलीं पर सब्जी ढोने के लिए नहीं मजदूर, 50 हजार की जरूरत; दो से तीन हजार ही मौजूद
Lockdown: मंडियां खुलीं पर सब्जी ढोने के लिए नहीं मजदूर, 50 हजार की जरूरत; दो से तीन हजार ही मौजूद

कांगड़ा/शिमला, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने सब्जी मंडियों को खोल दिया है, लेकिन उन्हें ढोने के लिए मजदूर नहीं हैं। कोरेाना संकट में अन्य जिलों से आए मजदूरों को स्थानीय लोगों कमरा देने के तैयार नहीं हैं। इससे मंडियों में आढ़तियों व किसानों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदेश की 60 में से 40 मंडियों को किसानों को राहत देने के लिए खोला गया है। इनमें करीब 30 से 50 हजार मजदूर काम करने हैं। इस समय दो से तीन हजार ही मजदूर यहां हैं। फल मंडियों में भी सब्जियों की खरीद का काम हो रहा है।ऐसे में आढ़तियों ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है कि सब्जी मंडियों में बने किसान भवनों में मजदूरों के रहने की व्यवस्था की जाए।

loksabha election banner

मंडियों में इन दिनों मटर, गोभी और ब्रोकली आ रही है। किसानों को मंडी तक पीठ पर इन्हें पहुंचाना पड़ रहा है। कफ्र्यू के चलते एक से दूसरे जिले में आवाजाही बंद है और मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मंडियों के आसपास पहले से मौजूद कुछ नेपाली और अन्य मजदूर हैं। मजदूरों को अन्य जिलों से आने के लिए व्यवस्था करने के लिए भी सरकार से मांग की गई है। आने वाले दिनों में शिमला मिर्च सहित फ्रासबीन की आमद बहुत बढ़ जाएगी।

सब्जी मंडियों में मजूदरों की की कमी है। सब्जी मंडियों में जो किसान भवन हैं इनका उपयोग मजदूरों व किसानों को ठहरने के लिए किया जा सकता है। -नरेश ठाकुर, प्रबंध निदेशक कृषि मार्केटिंग बोर्ड।

लोग नए मजदूरों को कमरा किराये पर नहीं दे रहा है। सब्जी मंडियों के साथ बने किसान भवनों में इनके ठहरने की व्यवस्था हो। अन्य जिलों से मजदूरों को आने के लिए भी व्यवस्था की जाए। इस संबंध में सरकार को लिखा है। -हरीश, आढ़ती ढली सब्जी मंडी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.