Lockdown: करार खत्म पर वाट्सएप पर पढ़ाई जारी, 2630 एसएमसी शिक्षक विपरीत परिस्थिति में मोर्चे पर डटे
SMC Teachers राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों का करार खत्म हो चुका है।
शिमला, अनिल ठाकुर। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों का करार खत्म हो चुका है। बार-बार मांग उठाने के बावजूद राज्य सरकार इन शिक्षकों का करार नहीं बढ़ा रही है। कोरोना के खतरे के बीच शिक्षक फर्ज निभाने में जुट गए हैं। इन शिक्षकों ने ऑनलाइन तरीके से ब'चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है।
स्कूल स्तर पर बनाए गए वाट्सएप ग्रुप में इन शिक्षकों को शामिल किया गया है। शिक्षक रोजाना ऑनलाइन पाठ्यक्रम अपनी कक्षाओं के ब'चों को भेजते हैं। उन्हें होमवर्क दे रहे हैं और रोजाना वर्कशीट चेक भी करते हैं। नियमित और अनुबंध शिक्षकों को कफ्र्यू के दौरान शिक्षण संस्थान बंद होने के बावजूद वेतन मिलेगा।
एसएमसी शिक्षकों को पता है कि उन्हें इस कार्य के लिए कोई वेतन नहीं मिलेगा बावजूद इसके वे ब'चों को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 2630 शिक्षक एसएमसी आधार पर कार्यरत हैं। 200 स्कूल ऐसे हैं जो एसएमसी के सहारे ही चल रहे हैं।
विभाग को पत्र लिखकर पढ़ाने की मांगी अनुमति
पीरियड बेस्ड एसएमसी शिक्षक संघ ने निदेशक उ'चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा को पत्र लिखा था। पत्र में शिक्षकों ने कहा है कि शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में शिक्षकों का करार 31 दिसंबर और ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में 31 मार्च को समाप्त हो चुका है। उन्हें स्कूलों में पढ़ाने की अनुमति दी जाए, ताकि ब'चों की पढ़ाई बाधित न हो। विभाग की ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है। बावजूद इसके शिक्षकों ने अध्यापन का कार्य शुरू कर दिया है।
शिक्षा मंत्री ने की सराहना
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी एसएमसी शिक्षकों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है। ऐसे में अस्थायी शिक्षकों की यह पहल सराहनीय है।
राज्य सरकार एसएमसी शिक्षकों ने ब'चों की पढ़ाई बाधित होता देख पढ़ाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसके अलावा एसएमसी शिक्षक एक्टिव केस फाइंङ्क्षडग का कार्य भी कर रहे हैं। सरकार शिक्षकों का करार बढ़ाए, ताकि शिक्षक नियमित रूप से अध्यापन का कार्य कर सकें। -मनोज रौंगटा, अध्यक्ष एसएमसी शिक्षक संघ।
निदेशक को पत्र लिखकर मांग की गई है कि एसएमसी शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति दी जाए। अभी विभाग का जवाब नहीं आया है। बावजूद इसके स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर दिया है। विभाग शिक्षकों का करार बढ़ाए। -पितांबर शास्त्री, महासचिव एसएमसी शिक्षक संघ।