Lockdown: एआइआर और एफएम शिमला के माध्यम से होगी पढ़ाई, यह रहेगा प्रसारण का समय
कोरोना के खतरे को देखते हुए लगाए गए कफ्र्यू के बीच घरों में बैठे दूर दराज क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी।
शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना के खतरे को देखते हुए लगाए गए कफ्र्यू के बीच घरों में बैठे दूर दराज क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। स्मार्ट फोन न होने की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे बच्चों के लिए अब रेडियो शिक्षक बनेगा तो उनका अपना घर क्लासरूम। शिक्षा विभाग दूरदर्शन के बाद अब रेडियो के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाएगा। ऑल इंडिया रेडियो शिमला (एआइआर शिमला) और एफएम शिमला पर इसका प्रसारण होगा। 12 मई से इसका प्रसारण होगा।
रोजाना सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक प्रसारण होगा। रेडियो और एफएम पर 9वीं, 10वीं और 12वीं तीन कक्षाओं के लिए ऑडियो प्रसारण होगा। दूरदर्शन पर केवल 10वीं और 12वीं के लिए ही प्रसारण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने पिछले महीने इसको लेकर एमओयू साइन कर दिया था। अब इसकी परमिशन मिली है। नवीं कक्षा में अंग्रेजी और विज्ञान, 10वीं कक्षा में अंग्रेजी सामाजिक विज्ञान, संस्कृत विषय और 12वीं कक्षा में इतिहास, अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र विषय की कक्षाएं लगेगी। विभाग ने चुनिंदा ही विषयों को इसमें शामिल किया है।
एक महीने का कंटेंट तैयार
रेडियो पर प्रसारण के लिए शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। एक महीने का ऑडियो कंटेट तैयार कर लिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक सोनिया ठाकुर जो इस कार्यक्रम की नोडल अधिकारी भी हैं ने खुद इसके लिए 5 शिक्षकों की टीम तैयार की है। विभाग रेडियो और एफएम के माध्यम प्रदेश के दूर दराज के क्षेत्रों में घरों में बैठे उन बच्चों तक शिक्षा विभाग अब पहुंचने की कोशिश में है, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं व जिनके पास स्मार्ट फोन, इंटरनेट या टेलीविजन जैसी कोई सुविधाएं नहीं है।
अब कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित नहीं होगा : निदेशक
एआईआर शिमला और एफएम शिमला पर 12 मई से ऑडियो प्रसारण होगा। पढ़ाई के साथ छात्रों को ये भी बताया जाएगा कि कोविड-19 से किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए। स्कूल प्रधानाचार्य को निर्देश दिए हैं कि वे रोजाना इसकी रिपोर्ट दें कि कितने बच्चों तक ऑन लाइन कक्षाओं की पहुंच हो रही है। जो इससे वंचित हैं उनके लिए भी प्रयास स्कूल करेगा ताकि किसी भी छात्र की पढ़ाई बाधित न हो। -डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक, उच्चतर शिक्षा विभाग।