लॉकडाउन के बीच अब सोशल मीडिया पर चुटकुलों से गुदगुदाएंगे पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर चुटकुला गोष्ठी का आह्वान प्रशंसकों से किया है।
पालमपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर चुटकुला गोष्ठी का आह्वान प्रशंसकों से किया है। विश्व इतिहास में इस प्रकार के समय में अपनी तरह की यह पहली गोष्ठी होगी। गोष्ठी की शुरुआत शांता कुमार खुद अपने फेसबुक पेज पर करते हुए कुछ चुटकुले लिखेंगे। इसके बाद प्रशंसकों और बुद्धिजीवी वर्ग से इसमें भाग लेते हुए उन्हें भी चुटकुले भेजने के लिए कहा है।
लॉकडाउन का लाभ उठाते हुए शांता कुमार की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी और अपनी सरकार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों व घटनाक्रमों को साझा किया जा रहा है। रोजाना किसी नए मुद्दे पर जानकारी देते हुए उससे जुड़े घटनाक्रम को सभी के सामने रखते हुए शांता कुमार यह बताते हैं कि वह कार्य किन परिस्थितियों में पूर्ण हुए हैं। शांता कुमार बताते हैं कि अटल जी काफी विनोदप्रिय थे। उनके भाषण में गंभीरता, प्रवाह और विनोद-प्रियता भी होती थी।
वह पहली बार लोकसभा में चुने गए तो उनके भाषण प्रभावशाली और उग्र भी होते थे। कांग्रेस नेताओं की ओर से बहुत आलोचना होने लगी। एक बार एक कांग्रेस नेता ने कहा, अटल जी जोर-जोर से हाथ ऊंचा उठाकर भाषण करते हैं। हाथ उठाने की बात कई बार कही। उत्तर देते समय अटल जी कहने लगे, भाषण करते समय ऊंचा हाथ उठाने पर भी मेरी आलोचना की गई है परन्तु अध्यक्ष महोदय मैंने कभी किसी को टांग उठाकर भाषण करते हुए नहीं देखा।
शांता के अनुसार, एक बार अटल जी सोलन आए। हमने 11 हजार रुपये की थैली भेंट की। कार्यक्रम के बाद एक कार्यकर्ता के घर में चाय पी रहे थे। एक कार्यकर्ता कहने लगा, आपके भाषण में बहुत आनंद आ रहा था परंतु बहुत छोटा भाषण किया। अटल जी चाय पीते-पीते बोले, केवल 11 हजार रुपये में कितना भाषण किया जा सकता है। बहरहाल इस जानकारियों से जुड़े लेखों से हटते हुए वीरवार को शांता कुमार सोशल मीडिया पर चुटकुला गोष्ठी आयोजित करेंगे। बुधवार देर सायं सोशल मीडिया पेज पर उन्होंने यह जानकारी देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वरिष्ठ नेता कृष्ण लाल शर्मा की विनोदप्रियता के बारे में प्रमुखता से बताया है। साथ ही लाजवाब चुटकुला भी रखते हुए गुदगुदाने का प्रयास किया है।
घर का खाना खाना होता तो यहां क्यों आते
शांता कुमार लिखते हैं कि एक बार दिल्ली में वह अटल जी और कृष्ण लाल शर्मा के साथ एक मित्र के यहां शादी पर गए। वहां पर भोजन को लेकर हुई देर के चलते वह खाना खाने एक नए खुले रेस्टोरेंट में चले गए। वहां पर एक सुंदर महिला मेन्यू कार्ड लेकर आई और कहने लगी यहां पर आपको घर जैसा भोजन मिलेगा। यह बात उसने दो-तीन बार बोल दी। ऐसे में कृष्ण लाल शर्मा ने उन्हें देख मुस्कराकर कहा कि घर के खाने से दुखी होकर तो यहां पर आए है और यहां पर भी ..।
प्रोग्रेस रिपोर्ट तुम्हारी पुरानी फाइल से निकली है
एक घर में महिला पति के कमरे की सफाई कर रही थी। पुरानी अलमारी से एक फाइल निकली, उसमें कोई एक रिपोर्ट पड़ी थी। उसने रिपोर्ट संभाल कर सामने मेज पर रख दी। शाम के समय पति कार्यालय से लौटे। किसी कारण गुस्से में थे। कुर्सी पर बैठे। पत्नी चाय लाई तो पति की नजर उस फाइल पर पड़ी। गुस्से में सामने बैठे बेटे को थप्पड़ लगा दिया। पत्नी हैरान होकर पूछने लगी, यह क्यों? पति ने गुस्से से कहा, यह देखो इसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट-नालायक। इस पर पत्नी एकदम कहने लगी कि प्रोग्रेस रिपोर्ट इसकी नहीं, तुम्हारी पुरानी फाइल से निकली है।