Lockdown: बिजली बोर्ड ने 40 हजार उद्योगपतियों को दी राहत, अप्रैल और मई के डिमांड चार्ज पर लिया फैसला
Relaxation to Industrialist राज्य बिजली बोर्ड ने प्रदेश के छोटे मध्यम और बड़े उद्योगपतियों को बड़ी राहत दी है।
शिमला, जागरण संवाददाता। राज्य बिजली बोर्ड ने प्रदेश के छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगपतियों को बड़ी राहत दी है। बिजली बोर्ड प्रबंधन ने डिमांड चार्ज को डैफर यानि की अभी न लेने के फैसला लिया है। अप्रैल और मई के डिमांड चार्ज नहीं लिए जाएंगे। इन्हें बाद में लिया जाएगा। फिलहाल उद्योगपतियों को इससे राहत मिलेगी। राज्य बिजली बोर्ड बिल से होने वाली आय से कर्मचारियों के वेतन से लेकर पेंशन का भुगतान करता है। बिजली बोर्ड को हर माह डिमांड चार्ज से 75 करोड़ रुपये की आय होती है। इसे डैफर करने के बाद अब बोर्ड को दूसरे साधने से आय जुटानी होगी। इसके बाद ही बोर्ड कर्मचारियों को वेतन से लेकर पेंशन की अदायगी कर सकेगा।
हालांकि काफी हद तक ऑनलाइन बिल जमा होने से बिजली बोर्ड को राहत मिली है। अप्रैल के वेतन के लिए बोर्ड को 90 करोड़ की जरूरत है। वहीं, पेशन अदा करने के लिए इससे अतिरिक्त बजट की जरूरत रहती है। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जेपी काल्टा ने बताया कि डिमांड चार्ज को डैफर किया है। अप्रैल और मई के चार्ज औद्योगिक उपभोक्ताओं से अभी नहीं लिए जाएंगे।
कारोबारियों को बड़ी राहत, अब 30 सितंबर तक सुलझ सकेंगे मामले
आबकारी एवं कराधान विभाग ने टैक्स अससमेंट के लंबित तीन लाख मामलों को निपटाने के लिए तय तिथि को 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है। सरकार ने इसकी तिथि बढ़ाने का फैसला लिया है। इन मामलों को सुलझाने के बाद राज्य सरकार को 750 करोड़ की अतिरिक्त आय हो सकती है। इन मामलों में कारोबारियों से संबंधित दस्तावेज जमा करवाने के बाद अससमेंट के मामले सुलझाए जा सकते हैं। रिटर्न न भरने या गलत रिटर्न भरने या फिर किसी कारण से समय पर रिटर्न न पहुंचने के कारण केस विभाग में चल रहे हैं। ऐसे सभी मामले सुलझाने के लिए कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार ने पॉलिसी लाई थी, इसमें आवेदन की तिथि 30 अप्रैल थी, इसे अब बढ़ा दिया है। प्रधान सचिव आबकारी संजय कुंडू ने माना कि इसके लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया है।