Lockdown: कैबिनेट की बैठक में लग सकती है हिमाचल प्रदेश में बसें चलाने पर मुहर
सरकार ने सड़कों पर बसें चलाने का फैसला नहीं लिया है लेकिन अंदरखाते इसकी कसरत शुरू हो गई है। अंतिम फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होगा।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में बिना पैकेज के 50 फीसद क्षमता पर निजी बसें नहीं चलेंगी। हालांकि अभी सरकार ने सड़कों पर बसें चलाने का फैसला नहीं लिया है, लेकिन अंदरखाते इसकी कसरत शुरू हो गई है। अंतिम फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होगा। 13 मई को होनी वाली बैठक में बसें चलाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
परिवहन विभाग पहले ही कह चुका है कि वह तैयार है और उसे सरकार के आदेशों का इंतजार है। आदेश मिलते ही बसें चलाने का काम तत्काल शुरू हो जाएगा, लेकिन निजी बस मालिक इस बात पर अड़े हुए हैं कि वे 50 फीसद क्षमता पर बसें नहीं चलाएंगे। यानी कुल क्षमता के आधी सीटों पर ही सवारियां नहीं बैठाएंगे।
इस संबंध हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की। इसकी अध्यक्षता प्रधान राजेश पराशर ने की। इसमें प्रदेश भर के पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया है कि अगर सरकार 50 फीसद क्षमता में बसें चलाने का आदेश किया तो कोई भी तैयार नहीं होगा। इसके पीछे तर्क दिया गया कि अगर शारीरिक दूरी के इस नियम के अनुसार बसें चलती है तो उसमें डीजल और टैक्स आदि का खर्चा भी पूरा नहीं हो पाएगा।
पारित किया प्रस्ताव
बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि अगर सरकार बसें चलाने का आदेश देती है तो निजी बस ऑपरेटर को भी पैकेज देना चाहिए। जब तक सरकार राहत राशि की घोषणा नहीं करती है कोई भी बस नहीं चलेगी। संघ के महासचिव रमेश कमल के मुताबिक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है निजी बसों की बीमा का खर्चा सरकार वहन करें। सरकार सरकारी बसों की तर्ज पर निजी बसों के चालकों- परिचालकों का कोविड-19 के मद्देनजर कम से कम 50 लाख रुपये का बीमा करवाएं। इसके अलावा कम से कम एक साल का टैक्स न लिया जाए।
चार महीने तक टैक्स से छूट
निजी ऑपरेटरों को सरकार ने बड़ी राहत दे रखी है। उन्हें चार माह तक रोड टैक्स, टोकन टैक्स में छूट मिलेगी। बावजूद इसके वे बसें चलाने को तैयार नहीं हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
- बसें चलाने के बारे में भी अभी सरकार के आदेश नहीं आया है। जैसे ही आदेश आएंगे। अनुपालना होगी। -यूनुस, प्रबंध निदेशक, हिमाचल पथ परिवहन निगम।
- हमारी पूरी तैयारियां हैं। जैसे ही सरकार के आदेश आएंगे सरकारी, निजी बसें चलानी आरंभ कर देंगे। परिवहन सेवाएं बंद रहने से विभाग को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है। -जेएम पठानिया, निदेशक, परिवहन विभाग।