Move to Jagran APP

लाहुल में बाढ़ से पुल बह जाने के बाद बढ़ी पटन घाटी के लोगों की परेशानी, दो दिन से शेष क्षेत्र से कटे हैं गांव

Lahaul Cloudburst लाहुल स्पीति में बादल फटने से समस्त जिले में जन जीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन पटन व मयाड़ घाटी के लोगों को दिक्कत सबसे अधिक बढ़ गई है। जाहलमा में पुल बह गया है जबकि शांशा में पुल खड़ा है पर छोर बह गए हैं

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 11:59 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 12:03 PM (IST)
लाहुल में बाढ़ से पुल बह जाने के बाद बढ़ी पटन घाटी के लोगों की परेशानी, दो दिन से शेष क्षेत्र से कटे हैं गांव
जाहलमा में पुल बह गया है, जबकि शांशा में पुल खड़ा है पर छोर बह गए हैं

केलंग, जागरण संवाददाता। Lahaul Cloudburst, लाहुल स्पीति में बादल फटने से समस्त जिले में जन जीवन प्रभावित हुआ है। लेकिन पटन व मयाड़ घाटी के लोगों को दिक्कत सबसे अधिक बढ़ गई है। जाहलमा में पुल बह गया है, जबकि शांशा में पुल खड़ा है पर छोर बह गए हैं, जिस कारण गाड़ियां तो दूर की बात है लोग पैदल भी आवाजाही करने की स्थिति में नहीं हैं। मंगलवार से शांशा के लोग वाले कीर्तिंग नहीं जा पाए हैं, जबकि जाहलमा गांव के लोगों के लिए पड़ोसी गांव फुडा जाना मुश्किल हो गया है। पटन घाटी में तोजिंग, शांशा व जाहलमा नालों ने कहर बरपाया है तो मयाड़ घाटी में चांगुट नाले में बादल फटने से पुल बह गया है।

loksabha election banner

पटन व मयाड़ घाटी के लोगों को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि बीआरओ सड़कों की बहाली में जुट गया है। लेकिन पुलों के बह जाने से हालात को सामान्य कर पर पाना उनके लिए भी भारी चुनौती बना हुआ है। पटन व मयाड़ घाटी में नगदी फसलें तैयार हैं। लेकिन पुलों के बह जाने से किसानों बागवानों की चिंता बढ़ गई है।

यह भी पढ़ें: तोजिंग नाले में फंसे वाहन को निकालने में जुटे बीआरओ के चार लोग भी बाढ़ में बह गए, बढ़ सकता है लापता का आंकड़ा

फुडा, जाहलमा, शंशा व कीर्तिंग के लोग दिखा रहे मानवता

मंगलवार दोपहर तक लाहुल घाटी में हल्की बारिश के बीच जन जीवन सामान्य था। लोग अपने काम में व्यस्त थे तो राहगीर अपने गंतव्यों की ओर जा रहे थे। अधिकतर लोग त्रिलोकीनाथ गए थे। लेकिन मंगलवार शाम छः बजे सभी नालों में बाढ़ आ गई और जो जहां था वहां फंस गया। जाहलमा, फुडा, शांशा व कीर्तिंग के लोगों ने मानवता दिखाते हुए फंसे लोगों को शरण दी और भोजन की व्यवस्था भी की। ग्रामीण गोविंद, राहुल, सुदर्शन, लाल चंद व अंगरूप ने बताया गांव में फंसे लोगों के रहने व खाने की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की गई है।

यह भी पढ़ें: लेह से लाहुल और काजा तक फंसे पर्यटक, बाढ़ में बह गए पुल और सड़कें, बीआरओ जवान बहाली में जुटे

यह भी पढ़ें: पति की मौत के बाद पांच बेटियों का पालन पोषण करने में असमर्थ गरीब मां, मुख्‍यमंत्री व्‍यथा सुन हुए भावुक, दी मदद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.