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वर्षों बाद आधार मिला पर शिक्षा अब भी उधार

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को 10 साल बाद आधार मिला है पर शिक्षा की अलख अब भी उधार के भवनों में जगाई जा रही है।

By Edited By: Published: Wed, 08 May 2019 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 04:53 PM (IST)
वर्षों बाद आधार मिला पर शिक्षा अब भी उधार
वर्षों बाद आधार मिला पर शिक्षा अब भी उधार

धर्मशाला, जेएनएन। वर्षों से राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्र का प्रमुख हिस्सा रहे हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय को 10 साल बाद आधार मिला है पर शिक्षा की अलख अब भी उधार के भवनों में जगाई जा रही है। वर्तमान में केंद्रीय विवि तीन अस्थायी परिसरों में चल रहा है और यहां भी समस्याओं का अंबार है। समस्याओं के समाधान के लिए अगर विद्यार्थी आवाज उठाते हैं तो सीयू प्रशासन के अधिकारी अस्थायीपन का हवाला देकर टाल देते हैं। इन परिस्थितियों में गुणात्मक शिक्षा कैसे मिलेगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सीयू के भवनों की आधारशिला 22 फरवरी को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रखी है।

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धर्मशाला में 70 प्रतिशत और देहरा में 30 फीसद भाग सीयू बनेगी। देहरा में 88 एकड़ भूमि सीयू के नाम हो चुकी है। धर्मशाला परिसर के लिए 50 एकड़ भूमि केंद्रीय विवि के नाम हो चुकी है जबकि 650 एकड़ भूमि की फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए मामला पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है। कब मिला था केंद्रीय विश्वविद्यालय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15 अगस्त, 2007 को स्वतंत्रता दिवस पर हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 20 मार्च, 2009 को राजकीय महाविद्यालय शाहपुर के भवन में सीयू का अस्थायी कैंपस शुरू हुआ था। केंद्रीय विवि के पहले कुलपति फुरकान कंवर थे। वर्तमान में शाहपुर, धर्मशाला व देहरा ब्यास परिसर में तीन अस्थायी खंडों में विभिन्न विषयों के 12 स्कूल चल रहे हैं और डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री कुलपति हैं।

ये हैं विद्यार्थियों की मुख्य समस्याएं

  • उचित भवन की व्यवस्था नहीं।
  • स्थायी हॉस्टल नहीं।
  • अपनी बस सुविधा नहीं।
  • स्थायी शिक्षकों की कमी, गेस्ट फेकेल्टी के सहारे चल रहे स्कूल।

2016 में धर्मशाला में बना अस्थायी भवन

शुरुआत में शाहपुर में चलने वाले सीयू का एक भाग सितंबर 2016 को धर्मशाला में शिफ्ट किया था और बीएड कॉलेज के नए भवन में इसकी शुरुआत हुई थी। 2018 में सीयू प्रशासन ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्वायज धर्मशाला के भवन को अपने अधिकार में लेकर यहां एमबीए शुरू की। 2018 में ही इसका एक भाग देहरा शिफ्ट कर दिया गया।

इन परिसरों में ये चल रहे विषय

शाहपुर परिसर : एमएससी फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी, मैथ, कंप्यूटेशनल बायोलॉजी व बायोइंफॉर्मेटिक्स, आइटी, पर्यावरण विज्ञान, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन व बीएससी फिजिक्स ऑनर।

धौलाधार परिसर धर्मशाला : एमबीए, मास्टर ऑफ सोशल वर्क, एमबीए ट्रेवल एंड टूरिज्म, एमए अर्थशास्त्र, एजुकेशन, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, न्यू मीडिया कम्युनिकेशन, अंग्रेजी, हिंदी व संस्कृत।

सिंधु परिसर देहरा : एमए समाजशास्त्र, इतिहास, राजनीतिक शास्त्र व जम्मू-कश्मीर अध्ययन। डिप्लोमा इन ट्राइबल स्टडी, जम्मू-कश्मीर स्टडी, दीनदयाल उपाध्याय स्टडी व गुज्जर हिस्ट्री व कल्चर, फाइन आ‌र्ट्स, डिप्लोमा इन आंबेडकर स्टडी।

क्‍या कहते हैं विद्यार्थी

स्थायी भवन न होने से विद्यार्थियों को परेशानियां हो रही हैं। अस्थायी भवनों में सीयू प्रशासन उचित ढंग से विद्यार्थियों को सुविधाएं नहीं दे पा रहा है। -शुभम, छात्र।

2007 में हिमाचल के साथ अन्य राज्यों को भी केंद्रीय विश्वविद्यालय दिए थे। हिमाचल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में सीयू स्थापित हो चुके हैं और स्थायी भवनों में कक्षाएं भी चल रही हैं। -मनीष, छात्र।

राजनीतिक उदासीनता से प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा हासिल करने में परेशानी हो रही है। सालों बाद आधारशिला रखी है, लेकिन जाने कब निर्माण कार्य शुरू होगा और युवाओं को न्याय मिल पाएगा। पुनीत धीमान, छात्र नेता

वर्षो बाद भवन का शिलान्यास तो सरकार ने कर दिया है और अब निर्माण कार्य शुरू करने के लिए आचार संहिता का हवाला दिया जा रहा है। आचार संहिता खत्म होने के बाद भवनों का कार्य शुरू कर दिया जाना चाहिए। -राहुल राणा, छात्र नेता।

शीघ्र अपने परिसर बनेंगे

जितनी भूमि सीयू के नाम हो चुकी है वहां आचार संहिता खत्म होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। शीघ्र सीयू के पास अपने परिसर होंगे। -डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कुलपति सीयू।

भाजपा ने सालों से सीयू के निर्माण को लटकाने और चुनावी मुद्दा बनाने का ही काम किया है। हर चुनाव में सीयू शिलान्यास व निर्माण भाजपा के घोषणापत्र में शामिल रहा है। अब जब नाक पर आ गई तो इसकी आधारशिला रखी है। जनता के सहयोग से सांसद बना तो सीयू निर्माण कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा। -पवन काजल, कांग्रेस प्रत्याशी

सालों तक कांग्रेस ने भूमि का चयन ही नहीं किया। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के एक साल में ही आधारशिला रखी है। चुनाव आचार संहिता हटते ही देहरा व धर्मशाला दोनों स्थानों पर सीयू भवन निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। -किशन कपूर, भाजपा प्रत्याशी

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