कांगड़ा, बिमल बस्सी। छोटे हरिद्वार के रूप में पहचान बना चुकी कांगड़ा की बाणगंगा बदहाली पर आंसू बहा रही है। आलम यह है कि यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए अस्थायी शौचालयों में ताले लटके हैं, उधर, टंकी तो मंदिर प्रशासन की ओर से रखी गई है, लेकिन वह खाली पड़ी हुई है। गौर रहे कि कांगड़ा बाईपास पर स्थित बाणगंगा के नजदीक सड़क किनारे बज्रेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्थापित किए गए अस्थायी शौचालयों पर ताले लटकने से श्रद्धालुओं व पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बनेर खड्ड स्थित बाण गंगा को छोटा हरिद्वार नाम से भी जाना जाता है और इस कारण इस स्थान पर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। बाण गंगा में स्नान के बाद ज्यादातर महिलाओं को कपड़े बदलने में दिक्कतें पेश आती हैं, वहीं अस्थायी शौचालयों पर ताले लटके होने से समस्या और भी गंभीर हो जाती है। हालांकि मंदिर प्रशासन शौचालय को नियमित रूप से चलाने का दावा तो करता रहा है, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। शौचालय में पानी-बिजली की व्यवस्था न होने से अस्थायी शौचालय सफेद हाथी बन कर रह गए हैं।
छह अप्रैल से चैत्र नवरात्र भी शुरू हो रहे हैं तथा इस स्थान पर यात्रियों की भीड़ जुटना शुरू हो जाती है, ऐसे में शौचालय में पानी की व्यवस्था न होने से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। आइपीएच विभाग एक लाख 58 हजार की अनुमानित लागत से अस्थायी शौचालयों को पानी की आपूर्ति करने के लिए पाइपें बिछा रहा है, लेकिन यह कार्य भी धीमी गति से चला हुआ है।
अस्थायी शौचालय में मंदिर प्रशासन को पूरा वर्ष बिजली एवं पानी की व्यवस्था करनी होगी, ताकि यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। शौचालय के अलावा प्रशासन को यहां कपड़े बदलने के लिए कमरे की व्यवस्था भी करनी चाहिए। -विनोद कुमार।
शौचालय पर ताले लटके हैं। प्रशासन की गलती की वजह से लोगों को खुले में ही शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचती है। -खेम चंद, घुमारवीं निवासी।
इन अस्थायी शौचालय पर नियमित रूप से एक आदमी की तैनाती होनी चाहिए, ताकि शौचालय व आसपास सफाई की व्यवस्था बनी रहे। दो वर्ष पूर्व इन शौचालयों की स्थिति अच्छी थी, लेकिन वर्तमान में पानी नहीं होने से स्थिति बदहाल हो गई है। -छोटे लाल, पूर्व सैनिक।
यह स्थान पर्यटन विभाग के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। बाणगंगा एवं छोटा हरिद्वार होने की वजह से यह लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने से पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी। जिसका फायदा दुकानदारों को भी मिलेगा। -वीरू कुमार, दुकानदार।
पानी की कमी होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पानी मुहैया कराने की योजना पर कार्य चल रहा है तथा नवरात्रों के आरंभ होने से पहले पानी की आपूर्ति सुचारू पूर्ण तरीके से कर दी जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को परेशान न होना पड़े। -विजय कुमार सांगा, मंदिर अधिकारी।
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