ज्वालामुखी में मकर संक्रांति पर खिचड़ी का लंगर लगाया
ज्वालामुखी में खिचड़ी की पारंपरिक रस्म को निभाते हुए गुरु गोरखनाथ की तपस्या स्थली गोरख डिब्बी में भोग प्रसाद चढ़ाने के उपरांत खिचड़ी का लंगर लगाया। मंदिर में दर्शनों को आए श्रद्धालुओं समेत स्थानीय लोगों ने भी प्रसाद ग्रहण किया।
जेएनएन, धर्मशाला । ज्वालामुखी में खिचड़ी की पारंपरिक रस्म को निभाते हुए गुरु गोरखनाथ की तपस्या स्थली गोरख डिब्बी में भोग प्रसाद चढ़ाने के उपरांत खिचड़ी का लंगर लगाया। मंदिर में दर्शनों को आए श्रद्धालुओं समेत स्थानीय लोगों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। लंगर के आयोजक आनंद भूषण सूद तथा अन्य सहयोगियों ने बताया कि मां ज्वालाजी से प्रार्थना की है कि दुनिया को कोरोना जैसी महामारी से बचाएं।
श्री चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में सुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब भी रहा। जो दिन भर जारी रहा। हालांकि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है और लोग स्नान कर ही देवी-देवताओं के दर नतमस्तक होकर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। श्री चामुंडा मंदिर समीप वाण गंगा का भी विशेष महत्व है। यहां शिव शक्ति का वास है और उत्तरी भारत का सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी है। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु यहां अक्सर स्नान करके ही मां चामुंडा तथा शिव के दर्शन करते हैं, लेकिन वाण गंगा में इस बार स्नान नहीं हुआ।
श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की बढ़ती तादात से मंदिर परिसर में खूब रौनक रही। देवी दर्शन के अतिरिक्त यहां पर श्रद्धालुओं द्वारा घृतमंडल पर होने वाली तैयारियों को भी देखा। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी राम प्रशाद का कहना है कि मंदिर में तमाम व्यवस्थाएं पहले की तरह चलती रहेंगी पर सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति में पुजारी वर्ग तथा कर्मचारी मिल कर परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से कर्मचारी वर्ग मुस्तैद रहा। मंदिर अधिकारी विजय कुमार सांगा का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं बनाई गई थीं, और आराम से सभी मां के दर्शन किए।
मकर संक्रांति के शुभ मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। लोगों ने भी इस शुभ मौके पर परिवार सहित मां के दरबार में माथा टेककर हाजिरी लगाई और मां से आशीर्वाद प्राप्त किया। सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। यात्रियों की सुविधाओं के लिए मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने विशेष प्रबंध किए हुए थे। यात्रियों ने सुविधा पूर्वक परिक्रमा मार्ग से होते हुए मुख्य मंदिर में पहुंचकर माता की पावन व अखंड ज्योति के दर्शन किए और मकर सक्रांति कि लोगों को बधाई दी। पुजारी अभिनेंद्र शर्मा, आशीष शर्मा व लवलेश शर्मा आदि ने बताया कि लोहड़ी और मकर सक्रांति को मां ज्वालामुखी के दरबार में माता के हवन कुंड में और माता की रसोई में अलाव की पूजा की जाती है और उसमें आस्था व श्रद्धा की आहुतियां डाली जाती हैं। विश्व शांति व जनकल्याण के लिए मां भगवती से प्रार्थना की जाती है।