घाटी विल्वां में डंगा टूटने से धान के खेतों में पहुंचा खड्ड का मलबा और पानी, फसल तबाह Kangra News
Kahan Khad Flood घाटी विल्वां के तहत बुढ़ुआं दी बां में काहन खड्ड में बरसाती पानी का तेज बहाव होने पर किनारों डंगे में दरार आने पर पानी सीधे किसानों के खेतों में घुस गया। आलम यह कि किसानों के खेत खड्ड के मलबे व पानी से लबा-लब भर गए।
संसारपुर टैरेस, संवाद सूत्र। Kahan Khad Flood, राजस्व वृत्त घाटी विल्वां के तहत बुढ़ुआं दी बां में काहन खड्ड में बरसाती पानी का तेज बहाव होने पर किनारों डंगे में दरार आने पर पानी सीधे किसानों के खेतों में घुस गया। जिससे जागीर सिंह, बावूराम, विजय कुमार, अशोक कुमार तथा सतवीर सहित दर्जनों किसानों की 20 कनाल से अधिक धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। आलम यह कि किसानों के खेत खड्ड के मलबे व पानी से लबा-लब भर गए। खड्ड के पानी के साथ रेत व अन्य मलबा भी खेतों में पानी में फैल गया है, जिससे धान की फसल रेत के नीचे दब गई। किसान जागीर सिंह ने बताया कि खड्ड का रेत इतनी ज्यादा मात्रा में खेतों में फैल गया कि धान की फसल नीचे दब जाने से भारी नुक्सान हुआ है।
जागीर सिंह ने बताया धान की फसल के साथ-साथ पुशओं के लिए चारे का भी नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण धान की फसल रेत के नीचे दब जाने पर किसानों की ओर से धान की फसल में डाली गई खाद तथा कीटनाशक दवाएं भी शून्य साबित हुई हैं। किसानों ने राजस्व विभाग से धान की फसल बर्बादी पर मुआवजे की मांग की है।
बारिश के कारण किसानों को फसल का दोगुना नुकसान हुआ है। फसल तो तबाह हुई अब आगामी समय में पशुओं को चारे की समस्या भी होगी, ऐसे में किसानों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ेगी। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। जिला कांगड़ा में अलग-अलग स्थानों पर बारिश ने अपना कहर बरपाया है। तेज बारिश के कारण कई लोग घर से बेघर हुए हैं तो कई लोगों को जीवन से हाथ धोना पड़ा है। यही नहीं कई लोगों को अपनी जमीन व फसलों से भी हाथ धोना पड़ा है। इस बार बरसात आफत बन गई है।