जेपी नड्डा ने कंदरौर में पुराने साथियों संग ताजा की यादें, चाय-पकौड़े का लिया स्वाद
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बिलासपुर के कंदरौर में साथियों के साथ करीब 30 मिनट तक पुराने दिन याद करते हुए चाय और पकौड़ों का स्वाद लिया। चंदेल स्वीट शाप पर 1986-87 में हुए आंदोलन के समर्थकों व साथियों से मिले।
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का राजनीतिक सफर 35 साल पहले बिलासपुर के कंदरौर में हुए आंदोलन से शुरू हुआ था। बिलासपुर से उनकी गृह पंचायत के रास्ते में ही कंदरौर कस्बा पड़ता है। इसी बाजार में रविवार को नड्डा की गाड़ी रुकी और उन्होंने साथियों के साथ करीब 30 मिनट तक पुराने दिन याद करते हुए चाय और पकौड़ों का स्वाद लिया।
कंदरौर कस्बा नड्डा के राजनीतिक सफर का अहम हिस्सा रहा है। यहीं से उन्होंने 35 वर्ष पहले राजनीति के क्षेत्र में पदार्पण किया था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी और नड्डा स्कूलों को स्तरोन्नत करने के लिए आंदोलन पर बैठ गए थे। यह आंदोलन करीब एक माह तक चला था। इस दौरान पुलिस को आंसू गैस के साथ गोलियां तक चलानी पड़ गई थी, लेकिन आंदोलन नहीं रुका था। इनकी अगुवाई में चले आंदोलन को बाद में सफलता मिली और कंदरौर के साथ प्रदेश के कई स्कूल अपग्रेड हुए। यही वजह है कि नड्डा जब भी घर लौटते हैं तो कंदरौर में अपने उस समय के दोस्तों के साथ मुलाकात करना नहीं भूलते।
रविवार को कंदरौर घुमाणी की चंदेल स्वीट शाप पर नड्डा अपने 1986-87 में हुए आंदोलन के समर्थकों व साथियों से मिले। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उन सभी को नाम से पुकार कर यादें ताजा करवा दी। इस खास मौके पर आसपास के अनेक लोग उन्हें देखने व सुनने के लिए एकत्रित हुए। चंदेल स्वीट शॉप के मालिक जसवीर चंदेल ने बताया कि नड्डा पहले भी उनके यहां आते रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से इस बार वह लंबे समय बाद आए हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने दुकान पर कई होली के कार्यक्रम मनाए हैं। वह जब भी यहां से गुजरते हैं तो पुराने साथियों को देखकर खिंचे चले आते हैं। वह भी नड्डा को उनकी स्पेशल कड़क चाय और चटपटे पकौड़े परोस देते हैं। रविवार को नड्डा करीब 30 मिनट तक रुके और सभी लोगों से मुलाकात करने के बाद अपनी गृह पंचायत विजयपुर के लिए रवाना हुए। जसवीर ने बताया कि नड्डा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन उनका मिलनसार स्वभाव नहीं बदला है। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को आशीर्वाद भी दिया।