नाहन में जेबीटी व डीइएलइडी प्रशिक्षुओं ने डाइट से लेकर डीसी आफिस तक किया धरना प्रदर्शन
प्रदेश में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी भर्ती के लिए पात्र किए जाने के फैसले से जेबीटी व डीइएलइडी प्रशिक्षुओं को निराशा का सामना करना पड़ रहा है। आज प्रदेशभर के साथ जिला सिरमौर के नाहन व पांवटा साहिब में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है।
नाहन, जागरण संवादददाता। हिमाचल प्रदेश में बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी भर्ती के लिए पात्र किए जाने के फैसले से जेबीटी व डीइएलइडी प्रशिक्षुओं को निराशा का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा मंगलवार को प्रदेशभर के साथ जिला सिरमौर के नाहन व पांवटा साहिब में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। साथ ही अपनी मांगों को लेकर रैली निकालकर जमकर नारेबाजी की।
जेबीटी प्रशिक्षुओं पंकज, अमन ठाकुर, सतवीर सिंग, यामनी, मोनिका, निर्जला, कृतिका, रंजू, आदि का कहना है कि कक्षा एक से पांचवीं के लिए बीएड धारकों को भर्ती करना तर्कसंगत नहीं है। वह इसका तब तक विरोध करेंगे जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता हैं। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने शहर में रैली निकालने बाद नाहन में डीसी सिरमौर व एसडीएम पांवटा साहिब को ज्ञापन सौंपा हैं। जिसके माध्यम से मांग की गई है कि जेबीटी व डीएल्डी प्रशिक्षु को अतिशीघ्र न्याय दिया जाए। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर अपने हक की मांगों को सरकार व प्रशासन के समक्ष रखा हैं। जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्होंने सोमवार से कक्षाओं का बहिष्कार शुरू किया है और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
अगर सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाती, तो उक्त फैसले को लेकर हाइकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकते है और सभी प्रशिक्षु अपना पक्ष तब तक मजबूती से रखेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नही हो जाती। जेबीटी प्रशिक्षुओं ने मांग की है कि कक्षा पांच तक जेबीटी को ही कंसीडर किया जाए, बीएड धारकों को नहीं। बता दें कि न केवल नाहन व पांवटा साहिब बल्कि शिमला सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में जेबीटी प्रशिक्षुओं ने कक्षाओं से बहिष्कार किया है। शिमला में राज्य सचिवालय का घेराव करने जा रहे प्रशिक्षुओं को पहले टालैंड के पास ही रोक दिया गया। उसके बाद उन्हें सचिवालय के निकट कड़ी पुलिस बल के बीच बाहर रोका गया है।
सुबह 10 बजे प्रदेश भर से प्रशिक्षु सचिवालय घेराव के लिए शिमला पहुंचे हैं। तय शेड्यूल के अनुसार प्रशिक्षुओं ने टालैंड से लेकर सचिवालय तक रैली निकालनी थी। इसके लिए बाकायदा उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर मंजूरी मांगी थी। लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। प्रशिक्षुओं ने टालैंड में इक्ट्ठे होकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। प्रशिक्षुओं ने वी-वान्ट जस्टिस के नारे लगाए। संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि वह प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों का सम्मान करते हैं। सरकार से मांग की जा रही है कि उनके पक्ष को कोर्ट में मजबूती के साथ रखा जाए। जेबीटी के लिए बने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों से छेड़छाड़ न की जाए। जेबीटी प्रशिक्षु संघ ने अपने स्तर पर सुप्रीम कोर्ट जाने का मन भी बनाया है।
राज्य में 12वीं पास युवा, जो आर्थिक व भोगौलिक परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, वे राज्य में डाइट के माध्यम से जेबीटी, डीएलएड शिक्षा लेकर प्राथमिक स्तर पर अध्यापक नियुक्ति की योग्यता रखता है। डीइएलइडी को ही प्राथमिक स्तर के लिए मान्य करार दिया है। बीएड को माध्यमिक स्तर के लिए योग्य माना गया है। जेबीटी शिक्षक संघ का कहना है कि इसमें बीएड को जोडऩे के लिए जेबीटी नियमों से छेड़छाड़ की गई, तो राज्य में इस समय 40000 प्रशिक्षित जेबीटी के साथ-साथ जिला के डाइट संस्थान व निजी शिक्षण संस्थानों का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। प्रदेश उच्च न्यायालय ने जेबीटी भर्ती मामलों पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के अनुसार सरकार को जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन के आदेश दिए हैं। यानी अदालत के फैसले से अब जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र होंगे।