कोरोना वायरस के खौफ के बीच जवाली में पीलिया ने डराए लोग, स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क
जवाली में पीलिया के रोग ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यहां पर रविवार से पहले 27 मरीज पीलिया के अाए थे
जवाली, जेएनएन। जवाली में पीलिया के रोग ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यहां पर रविवार से पहले 27 मरीज पीलिया के अाए थे, जबकि रविवार की रात को 13 नए मरीज अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे। सोमवार को नौ नए पीलिया के मरीज जवाली अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इसी के साथ मरीजों की संख्या 49 हो गई है। 36 मरीजों को हेपेटाइटस ए व हेपेटाइटस ई का टेस्ट नूरपुर अस्पताल से करवाकर लाने को कहा है। उन्हें घर भेज दिया है, जबकि अस्पताल में वर्तमान में 13 मरीज उपचाराधीन हैं।
बताया जा रहा है कि जलशक्ति विभाग ने अपने पेयजल स्कीमों के पानी के टेस्ट लिए हैं जो सही पाए गए हैं। पेयजल पाइपों को भी चेक किया गया है, जिनमें कोई कमी नहीं पाई गई हैं। बताया यह भी जा रहा है जलशक्ति विभाग ने अपने भंडारण टैंक व सप्लाई में ब्लीचिंग की मात्रा को बढ़ा दिया है। लेकिन मामले फिर भी थम नहीं रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को भी पीलिया होने के कारणों का कोई पता नहीं लग रहा है।
स्वास्थ्य व जलशक्ति विभाग की टीम ने जांची मरीजों के घरों की टंकियां
स्वास्थ्य व जलशक्ति विभाग की टीमों ने मरीजों के घरों की टंकियों को भी जांचा है। लेकिन मरीजों के घरों में टंकियों को भी साफ पाया है। एेसे में अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि पीलिया किस कारण से फैल रहा है, जबकि सभी लोगों को अलग-अलग ट्यूबवेल से सप्लाई दी जाती है।
इन क्षेत्रों से संबंधित हैं मरीज
धारियां, समकेहड़, चलवाड़ा व जवाली खास के मरीज पहुंचे हैं अस्पताल में उचार करवाने के लिए पहुंचे हैं। इन्हें अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा है।
पीलिया के मरीजों की संख्या 49 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं भी पानी की सप्लाई को देखा है। लेकिन कारणों का कोई पता नहीं चल रहा है। -डॉ. संजीव, एसएमओ, सिविल अस्पताल जवाली।
मैंने एसएमओ जवाली डॉ. संजीव को साथ लेकर स्कीमों को चैक करवाया है। पीलिया के मामले अलग-अलग जगहों से आ रहे हैं। जिनको अलग-अलग स्कीमों से पानी सप्लाई होता है। आइपीएच विभाग की किसी एक स्कीम में कोई प्रॉब्लम हो सकती है। लेकिन एकदम से सारी स्कीमों में समस्या नहीं हो सकती। -विशाल जसवाल, अधिशाषी अभियंता, जल शक्ति विभाग।
पीलिया क्या है
वायर हैपेटाइटिस या जोंडिस को पीलिया कहते हैं। यह रोग सुक्ष्म विषाणु से होता है। रोग बढ़ने पर नाखुन व अांखों में पीलापन अा जाता है।
क्या हैं पीलिया के लक्षण
- रोगी को बुखार रहना
- भूख न लगना
- चिकनाई वाले भोजन में अरूचि
- जी मिचलाना अौर कभी कभी उल्टियां होना
- सिर में दर्द होनासिर के दायिहने भाग में दर्द रहना
- अांख व नाखून का रंग पीला होना
- पेशाब पीला अाना
- अत्यधिक कमजोरी अौर थका थका सा लगना
बचाव के लिए बरतें यह एहतियात
- खाना बनाने, परोसने, खाने से पहले व बाद में अौर शौच जाने के बाद में हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना।
- भोजन जालीदार अलमारी या ठक्कन से ठककर रखना चाहिए ताकि मक्खियां व धूल से बचा जा सके।
- ताजा व शुद्ध गर्म भोजन करें दूध व पानी उबाल कर काम में लें
- पीने के लिए पानी नल, हैंडपंप या अादर्श कुएं का पानी ही काम में लें
- मल मूत्र, कूड़ा कर्कट सही स्थानों में गड़ा खोद कर जला देना चाहिए।
- गंदे, सड़े, गले व कटे फल न खाएं।
- रोगी को शीघ्र ही डाक्टर के पास जाकर परामर्श लेना चाहिए- बिस्तर पर अाराम करना चाहिए, घूमना फिरना नीं चाहिए
- लगातार जांच कराते रहना चाहिए
- डाक्टर की सलाह से भोजन में प्रोटीन अौर कार्बोज वाले पदार्थों का सेवन करना चाहिए
- नींबू संतने अन्य फलों का रस भी इस रोग में गुमकारी होता है
- बसायुक्त गरिष्ठ भोजना का सेवन हानिकारक है।
- चावल, दलिया, खिचड़ी अादि लें