जल शक्ति विभाग भरेगा पैराफीटर व मल्टीपर्पज वर्कर्स के 989 पद, मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में जाएगा मामला
Jal Shakti Department जल शक्ति विभाग में अब विभागीय व्यवस्था से पैराफीटर व मल्टीपर्पज वर्कर के 989 पद भरे जाएंगे। मामले की मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल बैठक में ले जाएंगे। अभी विभाग में 226 योजनाएं ठेके पर चलाई जा रही हैं।
शिमला, जेएनएन। जल शक्ति विभाग में अब विभागीय व्यवस्था से पैराफीटर व मल्टीपर्पज वर्कर के 989 पद भरे जाएंगे। मामले की मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल बैठक में ले जाएंगे। अभी विभाग में 226 योजनाएं ठेके पर चलाई जा रही हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस प्रथा को शुरू किया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे बंद करने के आदेश दिए थे। यह जानकारी जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने भाजपा विधायक एवं योजना बोर्ड उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला के सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि पहले लेबर कंपोनेट पर विभाग 14.31 करोड़ खर्च करता था।
अगर इसमें पंप हाउसों के मरम्मत का खर्च भी जोड़ दिया जाए तो 20.30 करोड़ हो जाता है। हमने 969 लोगों को आउटसोर्स रखा है। इन पर साल में 4.13 करोड़ खर्च हो रहे हैं। 10 करोड़ की बचत हो रही है। अगर यही अनुबंध पर रखते हैं तो 10.78 करोड़ का खर्चा होगा। इसलिए सरकार विभागीय व्यवस्था से भर्ती करेगी। 410 पंप ऑपरेटरों में से 343 आइटीआइ क्वालिफाईड है। 76 अनुभव आधार पर रखे गए हैं।
बिजली बोर्ड में 811 पदों को आउटसोर्स से भरा
माकपा विधायक राकेश सिंघा के सवाल के लिखित उत्तर में सरकार ने जानकारी दी कि बिजली बोर्ड में आउटसोर्स के माध्यम से यूनिवर्सल ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी यूटीआरआई की सेवाएं ली गई हैं। इसके माध्यम से अब तक 811 लोगों को बोर्ड में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं प्रदान की जा रही है। इनमें कुशल और अकुशल दोनों तरह की सेवाएं शामिल हैं।