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व्यवहार तय करता है व्यक्तित्व : प्रदीप नायर

व्यक्ति देखने और अपने काम जितने भी सक्षम क्यों न हो, जब तक उनका व्यवहार सही नहीं होगा, तब तक समाज में उसकी अच्छी छवि नहीं बन पाए और समाज में अच्छे नागरिक के रूप में नहीं देख पाएगा। इसलिए व्यक्ति के व्यवहार में शालीनता होना जरूरी है, क्योंकि व्यवहार ही व्यक्तित्व का निर्माण करता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:07 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:07 PM (IST)
व्यवहार तय करता है व्यक्तित्व : प्रदीप नायर
व्यवहार तय करता है व्यक्तित्व : प्रदीप नायर

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : व्यक्ति देखने और अपने काम में जितना भी सक्षम क्यों न हो, जब तक उसका व्यवहार सही नहीं होगा तब तक समाज में उसकी अच्छी छवि नहीं बन पाएगी। साथ ही समाज उसे अच्छे नागरिक के रूप में नहीं देख पाएगा। व्यक्ति के व्यवहार में शालीनता जरूरी है, क्योंकि व्यवहार ही व्यक्तित्व का निर्माण करता है। यह बात शनिवार को दैनिक जागरण की संस्कारशाला के तहत बीडी डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोतवाली बाजार में नैतिक मूल्यों पर आधारित कार्यशाला में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता स्कूल में डीन डॉ. प्रदीप नायर ने बतौर मुख्यातिथि एवं वक्ता के रूप में कही। आयोजन में स्कूल के नौवीं व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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उन्होंने कहा, वर्तमान में मनुष्य ने हवा में उड़ान, पानी में तैरना और धरती में आराम से रहने सब कुछ स्किल की बदौलत सीख लिया है, लेकिन नहीं सीख पाया है तो नैतिक मूल्य। व्यक्ति को नैतिक मूल्य खुद ही अपनाने पड़ते हैं। युवा अवस्था में बच्चों के दिमाग में नाकारात्मक और सकारात्मक बातें आती हैं, लेकिन दोनों में से किसका चुनाव करते हुए सही रास्ते पर चलना है यह उसे खुद ही तय करना होता है। यह रास्ते बच्चों के भविष्य तय करते हैं। समाज किसी क्लास के समूह की तरह हैं, जिन्हें मिलकर काम करने को दिया जाता है। ग्रुप में तेजतर्रार भी होते हैं और सुस्त भी। काम पूरा करने के लिए सभी को साथ लेकर चलना पड़ता है। ठीक वैसे ही समाज में हर तरह का व्यक्तित्व होता है, किस व्यक्तित्व से कैसे निपटना है यह तय करना जरूरी है, उससे भी जरूरी है क्रोध को मारना। उम्र के साथ अनुभव भी बढ़ता है और व्यक्तित्व भी निखरता है। अच्छे नागरिक बनने के लिए स्कूल स्तर से ही काम करना पड़ता है और इसके लिए छात्र और शिक्षक के बीच में समन्वय होना जरूरी है, न की मनमुटाव। संवाद ही मनमुटाव मिटाने का सबसे आसान तरीका है। जहां संवाद होता है वहां मनमुटाव नहीं रहते। इससे पूर्व स्कूल की अध्यापिका अभिलाषा और दैनिक जागरण के ब्रांड प्रबंधक अर¨वद शर्मा ने डॉ. प्रदीप नायर को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।


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