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11 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रही इशिका, 'सहारा' का नहीं मिल रहा सहारा

11 साल से किडनी की बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम से जूझ रही जिला कुल्लू की खराहल घाटी के तलोगी गांव की 13 वर्षीय इशिका के परिवार को प्रदेश सरकार की सहारा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पिता आलम चंद ने उपचार के लिए मदद की गुहार लगाई है।

By Virender KumarEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 05:35 PM (IST)
11 साल से किडनी की बीमारी से जूझ रही इशिका, 'सहारा' का नहीं मिल रहा सहारा
इशिका को 'सहारा' योजना का नहीं मिल रहा लाभ। जागरण आर्काइव

कुल्लू, संवाद सहयोगी। 11 साल से किडनी की बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम से जूझ रही जिला कुल्लू की खराहल घाटी के तलोगी गांव की 13 वर्षीय इशिका के परिवार को प्रदेश सरकार की सहारा योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे इशिका के पिता आलम चंद ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि उन्हें बेटी के उपचार के लिए सहायता मुहैया करवाई जाए।

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आलम चंद के अनुसार, इशिका का पीजीआइ चंडीगढ़ में उपचार चला हुआ है। हर माह उपचार के लिए चंडीगढ़ ले जाना पड़ता है। बार-बार चंडीगढ़ आने-जाने और दवा का खर्चा वहन करना मुश्किल हो गया है। सहारा योजना की जानकारी मिलने पर उन्होंने फरवरी 2021 से सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं, लेकिन उसके बाद भी उनको केवल आश्वासन ही मिले हैं। इसके चलते उन्हें और उनके परिवार को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। इशिका के परिवार ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन कुल्लू से मांग की है कि बेटी के उपचार के लिए मदद मुहैया करवाई जाए।

मेरे ध्यान में यह मामला नहीं है। परिवार की हरसंभव सहायता की जाएगी। जिला स्वास्थ्य विभाग मरीजों को सरकार की हर योजना का लाभ देने के लिए प्रयासरत है।

-डा. सुशील चंद्र, सीएमओ कुल्लू

नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्या है

किडनी शरीर के दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करती है, लेकिन किडनी की छन्नी में बड़े छेद हो जाने के कारण शरीर के आवश्यक पोषक तत्व और प्रोटीन मूत्रमार्ग से जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे खून में प्रोटीन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से आंखों और पेट में सूजन हो जाती है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। इसमें किडनी की छोटी वाहिकाएं, जो फिल्टर का कार्य करती हैं, वे खराब हो जाती हैं। अगर उचित उपचार नहीं किया जाए तो नेफ्रोटिक सिंड्रोम की बीमारी लंबे समय तक व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।

हिमाचल प्रदेश सहारा स्कीम 2021 शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य

जो भी गरीब व्यक्ति अस्पताल में बीमारी का इलाज करवा रहे हैं उन्हें आर्थिक सहायता देने के लिए Hp sahara yojana 2021 की शुरुआत की गई है| यह योजना प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे नागरिक जो पार्किसंस, घातक कैंसर रोग, मस्कूलर डिस्ट्राफी, हिमोफीलिया, थैलीसिमिया, गुर्दे की विफलता व अन्य किसी प्रकार के रोग जो स्थायी रूप से किसी व्यक्ति को अक्षम बनाता है उनको सामाजिक सुरक्षा व वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य सरकार गरीब लोगो को प्रति माह 2000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।


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