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Minjar Mela: चंद लोगों ने शोभायात्रा निकाल निभाई झंडा रस्‍म, भगवान श्रीरघुनाथ को भेंट की मिंजर, देखिए तस्‍वीरें

International Minjar Fair कोविड-19 महामारी के बीच जिला मुख्यालय चंबा में रविवार को अंतरराष्‍ट्रीय मिंजर मेले का आगाज किया गया। श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर भगवान श्री रघुनाथ हरिराय मंदिर में व अन्य देवी देवताओं को मिंजर भेंट करने के उपरांत चौगान में झंडा रस्म भी अदा की गई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 02:17 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 02:34 PM (IST)
Minjar Mela: चंद लोगों ने शोभायात्रा निकाल निभाई झंडा रस्‍म, भगवान श्रीरघुनाथ को भेंट की मिंजर, देखिए तस्‍वीरें
कोविड-19 महामारी के बीच जिला मुख्यालय चंबा में रविवार को अंतरराष्‍ट्रीय मिंजर मेले का आगाज किया गया।

चंबा, मिथुन ठाकुर। International Minjar Fair, कोविड-19 महामारी के बीच जिला मुख्यालय चंबा में रविवार को अंतरराष्‍ट्रीय मिंजर मेले का आगाज किया गया। रविवार को सुबह 10 बजे नगर परिषद कार्यालय से मेले की शुरुआत के साथ श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, भगवान श्री रघुनाथ, हरिराय मंदिर में व अन्य देवी देवताओं को मिंजर भेंट करने के उपरांत चौगान में झंडा रस्म भी अदा की गई। इस दौरान बाजार में दवाइयों की दुकानों के अतिरिक्त सभी अन्य दुकानें दो बजे तक बंद रहीं। झंडा रस्म के उपरांत भूरी सिंह संग्रहालय में चंबा व मिंजर मेले के इतिहास पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसका लोग मेले के दौरान अवलोकन कर सकेंगे।

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वेबिनार के माध्यम से भी चंबा के वैभवशाली इतिहास, कला, संस्कृति व अन्य विषयों पर भी परिचर्चा आयोजित की गई। शाम छह बजे जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित वार्षिक लक्‍की ड्रॉ का भी आयोजन किया जाएगा। शाम सात से आठ बजे तक पारंपरिक लोक गायन कुंजड़ी मल्हार को लोकल केबल नेटवर्क व सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रसारित किया जाएगा। समापन समारोह के दौरान दोपहर 12 बजे के बाद भी दवाइयों की दुकानों के अतिरिक्त पूर्ण रूप से बाजार बंद रहेगा। नगर परिषद द्वारा आमंत्रित सदस्य ही सीमित रूप से मिंजर विसर्जन में शामिल रहेंगे।

वहीं, रविवार को शुरू हुए मिंजर मेले से रौनक पूरी तरह से गायब रही। रविवार को सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक चंबा शहर के सभी प्रवेश द्वारों सहित विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस का पहरा रहा। चंबा-भरमौर चौक से आगे न तो वाहनों को आने की इजाजत की दी गई और न ही लोगों को पैदल आने दिया गया। इसी तरह शहर के हटनाला, सपड़ी, सुराड़ा व चौंतड़ा मोहल्ला सहित पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहा। इस अवसर पर सदर विधायक पवन नैयर, उपायुक्त डीसी राणा, नगर परिषद अध्यक्ष नीलम नैयर, उपाध्यक्ष सीमा कश्यप सहित अन्य अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

अंतरराष्‍ट्रीय मिंजर महोत्‍सव के आगाज पर अधिकारियों को मिंजर भेंट कर सम्‍मानित करते आयोजक।

चार सौ साल से निभाई जा रही मिंजर की परंपरा

लगभग 400 साल से मिंजर मेले की परंपरा निभाई जा रही है। चंबा शहर राजा साहिल वर्मन द्वारा उनकी बेटी राजकुमारी चंपावती के कहने पर रावी नदी के किनारे बसाया गया था। इसीलिए इस शहर का नाम चंबा रखा गया था। यह मेला श्रावण मास के दूसरे रविवार को शुरू होकर सप्ताह भर चलता है। इस बार यह मेला 25 जुलाई से पहली अगस्त तक चलेगा। दो समुदायों में एकजुटता की मिसाल इस मेले की खासियत यह भी है कि सावन की रिमझिम फुहारों के बीच भगवान श्री लक्ष्मीनारायण के मंदिर में मिंजर अर्पित की जाती है। मक्की, गेहूं, धान और जौ आदि की बालियों को स्थानीय लोग मिंजर कहते हैं। मिजर मेले के दौरान जरी या गोटे से बनाई गई मिजर को कमीज के बटन पर लगाया जाता है और मेले के दौरान पहना जाता है। मेले के समापन पर इसे रावी नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। मिजर का आदान-प्रदान करना शुभ माना जाता है। आजकल मेले का स्वरूप बदला है लेकिन हिदू देवताओं पर अर्पित होने वाली मिजर को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा तैयार करने की परंपरा कायम है। मुस्लिम समुदाय के लोग रेशम के धागे में मोती पिरोकर मिंजर तैयार करते हैं।


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