मिडल क्लास पर वार: हिमाचल को छोड़ कोई भाजपा शासित राज्य नहीं चुकाता विधायकों का टैक्स, जानिए
उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश एकमात्र भाजपा शासित राज्य है जहां पर सरकार मंत्रियों व विधायकों का आयकर सरकारी खजाने से चुकाती है।
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश एकमात्र भाजपा शासित राज्य है, जहां पर सरकार मंत्रियों व विधायकों का आयकर सरकारी खजाने से चुकाती है। पड़ोसी उत्तराखंड ने 2019 में मंत्रियों का आयकर सरकारी खजाने से भरने की प्रथा को बंद किया है। वहां की त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत की सरकार ने मंत्रियों का आयकर चुकाना बंद किया और विधायकों के समान लाकर खड़ा किया। हरियाणा सरकार ने एक साल पहले विधायकों का आयकर भरने पर रोक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तो 2018 में इसे न केवल बंद किया, बल्कि आयकर को विधायकों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी करार दिया। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने भी विधायकों का आयकर चुकाने की व्यवस्था नहीं रखी। पंजाब सरकार ने आयकर को विधायकों की स्वे'छा पर छोड़ा है, जो विधायक स्वयं अपना आयकर चुकाना चाहे, चुका सकता है।
कोरोना काल में सरकार ने देश और राज्य की रीढ़ समझे जाने वाले मध्यम वर्ग से सस्ता राशन छीन लिया है। चाहे इस तरह की व्यवस्था एक वर्ष के लिए अमल में लाई गई है। लेकिन सरकार ने ऐसे संकट के समय में मंत्रियों और विधायकों को व्यक्तिगत तौर पर आयकर भरने के लिए नहीं कहा। जबकि मध्यम वर्ग अपना आयकर चुकाता है और परोक्ष रूप से मंत्रियों व विधायकों का आयकर भी चुका रहा है। क्योंकि मध्यम वर्ग का आयकर सरकार के खजाने में इस्तेमाल होता है।
पंजाब में कुलजीत नागर इकलौता
पंजाब सरकार में कुलजीत नागर इकलौते विधायक हैं, जिन्होंने स्वे'छा का अनुसरण करते हुए अपना आयकर स्वयं चुकाना शुरू किया है। जबकि शेष विधायकों का आयकर पंजाब सरकार चुकाती है।
हिमाचल में भी है प्रकाश
हिमाचल विधानसभा में प्रकाश राणा ऐसे निर्दलीय विधायक हैं जो पहली बार चुनाव जीतकर आए। लेकिन, सरकार द्वारा आयकर भुगतान करने की परिपाटी को पलट कर रख दिया। वह स्वयं अपना आयकर चुकाते हैं।