डिजिटल दौर में जालसाजों ने बदले ठगी के तरीके, कोविड रजिस्ट्रेशन के नाम पर लगा रहे चपत
Himachal cyber Crime तकनीक के इस दौर में अब हर कार्य आनलाइन होने लगा है। डिजिटल लेन-देन से लोग बिना नकदी घूमने लगे हैं। इससे जेबकतरों की लूट से तो बच रहे हैं लेकिन तकनीक के बीच जालसाजों ने भी ठगी के तरीके बदल लिए हैं।
चंबा, मान सिंह वर्मा। तकनीक के इस दौर में अब हर कार्य आनलाइन होने लगा है। डिजिटल लेन-देन से लोग बिना नकदी घूमने लगे हैं। इससे जेबकतरों की लूट से तो बच रहे हैं, लेकिन तकनीक के बीच जालसाजों ने भी ठगी के तरीके बदल लिए हैं। पहले बैंक से फोन की बात कह कर लोग अकाउंट से संबंधित जानकारी खंगालते थे, लेकिन अब यूपीआइ, पेटीएम, फोनपे, गूगल पे, डेबिट व क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी, सिम क्लोन, आनलाइन जाब, आनलाइन शादी के विज्ञापनों आदि से ठगी करने में अपराधी काफी सक्रिय हो गए हैं। इतना ही नहीं, अब जालसाजों ने लोगों को जाल में फंसाने के लिए कोविड वैक्सीनेशन के नाम पर लूट का नया पैंतरा शुरू किया है।
साइबर अपराधी अब कोविड रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों की कमाई को एक मिनट में चूना लगा रहे हैं। चंबा में दो साल में करीब दो करोड़ की ठगी के मामले सामने आए हैं। अब कोविड वैक्सीनेशन के नाम पर ऐसे लगाया जा रहा चूना जालसाज सतर्कता डोज के नाम पर फर्जी रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों को काल कर ओटीपी पूछते हैं। ओटीपी बताते ही व्यक्ति के बैंक खाते से नकदी निकाल लेते हैं। ऐसे भी हो सकती है ठगी साइबर विशेषज्ञों की मानें तो लोग जल्दी में जन सेवा केंद्र से आधार कार्ड की मदद से अंगूठा लगाकर नकदी प्राप्त कर लेते हैं। इससे आधार कार्ड व अंगूठा छाप सरकारी साइट पर चला जाता है।
साइबर अपराधी सरकारी साइट से डाटा चुरा लेते हैं। इसके बाद न तो कोई ओटीपी आता है, न ही कोई काल और खाते से रकम निकल जाती है। फेक फेसबुक आइडी बनाकर भी एंठी जा रही रकम फेक फेसबुक आइडी बनाकर भी शातिर रिश्तेदारों, परिचितों को फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से मैसेज भेजकर बीमारी व अन्य बहाने बनाकर रकम मांग रहे हैं। फेसबुक फ्रेंड बनी शातिर युवती भी ब्लैकमेल जैसे हथकंडे अपनाकर ठगी करती है। लाटरी मैसेज देकर लगाया जा रहा चूना कई बार शातिर द्वारा फोन पर भेजे लाटरी आदि निकलने के लिंक को ओपन करते ही एक ओटीपी आता है, जिसे डालते ही फोनपे व यूपीआइ एप के माध्यम से रकम खाते से निकाल ली जाती है।
विभिन्न कंपनियों की ओर से बोनस देने का मैसेज भेजा जाता है। जैसे ही मैसेज ओपन किया जाता है तो फोन पर शातिर बातों में उलझा लेते हैं। इसके बाद खातों से रकम निकाल ली जाती है।
दो साल में इतनी हुई ठगी
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- 2020,1300,11,5040000,5 2021,810,6,10297135,1
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
डीएसपी हेडक्वार्टर चंबा अभिमन्यु वर्मा का कहना है डिजिटल दौर में साइबर अपराध के मामलों में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। कोविड वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन, लाटरी आदि लगने को लेकर बैंक सहित कहीं से भी आने वाली काल व मैसेज जैसे झांसे में आकर बैंक डिटेल आदि शेयर न करें। पुलिस इसे लेकर लोगों समय-समय पर जागरूक भी कर रही है। साथ ही साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए भी हर समय जाल बिछाया गया है।