दवाओं की अवैध सप्लाई के केस में राजस्थान जाएगी सीआइडी टीम
दवाओं कीअवैध सप्लाई के मामले मैसर्स जैनेट फार्मास्युटिकल्स कंपनी के दवा कारोबार की अब राजस्थान में जांच होगी। हिमाचल सीआइडी की एसआइटी सीकर में दबिश देगी। टीम की अगुवाई स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के डीएसपी दिनेश शर्मा कर रहे हैं।
शिमला,राज्य ब्यूरो। मैसर्स जैनेट फार्मास्युटिकल्स कंपनी के दवा कारोबार की अब राजस्थान में जांच होगी। हिमाचल सीआइडी की एसआइटी सीकर में दबिश देगी। टीम की अगुवाई स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के डीएसपी दिनेश शर्मा कर रहे हैं। आरोप है कि कंपनी ने दवाओं की अवैध सप्लाई की। इसे सीकर तक पहुंचाया गया। वहां के एक सप्लायर की तलाश की रही है।
उधर, दो आरोपितों को सोलन जिले के नालागढ़ की कोर्ट में पेश किया गया। ये पांच दिन के पुलिस रिमांड पर थे। सीआइडी के आग्रह पर कोर्ट ने छह दिन का और रिमांड बढ़ाया है। पता चला है कि आरोपितोंं अपनी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान व पंजाब आदि में ले जाने के लिए किया था। इनमें भी एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन किया। पंजाब में दबिश देने का काम पूरा हो गया है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी जांच होगी। कंपनी फर्जी बिलों के सहारे दवाएं बेचने का गैरकानूनी कार्य होता था। लाइसेंस के नाम पर कंपनी के कर्ताधर्ता खुद ही परचेज आर्डर तैयार करते थे और खुद ही इन पर मुहर लगाते थे। जिन स्थानों के लिए सप्लाई दर्शाते थे, वहां से न तो कोई सप्लाई की मांग आती थी और न ही वहां दवाएं भेजी जाती थी। दवाओं को खुले बाजार में बेच दिया जाता था। इसी कारण यह तस्करी की श्रेणी में आया।
कब हुई थी गिरफ्तारी
कंपनी के मालिक पंजाब के बरनाला निवासी दिनेश बंसल (38) और पानीपत के मैनेजर सोनू सैनी (32) शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों से कई दौरे की पूछताछ की गई। यह कारवाई राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाहा की शिकायत के आधार पर की गई।
फार्मा कंपनी के दो आरोपितों को अब छह दिन का और रिमांड मिला है। जांच का दायरा बढ़ जाएगा। अब राजस्थान में जांच होगी। कंपनी के दो वर्ष के सौ करोड़ के कारोबार को जांचा जा रहा है। दवाएं कहां सप्लाई की, किसके साथ संपर्क होता था, इन सब बातों का पता लगाया जाएगा।
-दिनेश शर्मा, डीएसपी, स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट।