आइआइटी पास कैदी जेल में ले रहा आठ लाख रुपये का सालाना पैकेज, पढ़ें पूरा मामला
IIT Pass Prisoner क्षणिक आवेश में आकर बेशक एक युवक ने कत्ल जैसा जुर्म किया। लेकिन अब वह फिर स्थिर मन से शिमला के सब जेल कैथू की इंजीनियरिंग बदल रहा है। जेल अधिकारियों ने उसके हुनर को पहचाना और उसे हौसला दिया।
शिमला, जेएनएन। क्षणिक आवेश में आकर बेशक एक युवक ने कत्ल जैसा जुर्म किया। लेकिन अब वह फिर स्थिर मन से शिमला के सब जेल कैथू की इंजीनियरिंग बदल रहा है। जेल अधिकारियों ने उसके हुनर को पहचाना और उसे हौसला दिया। रचनात्मक कार्यों से जुडऩे की प्रेरणा दी। अपनी पढ़ाई लिखाई और इंजीनियरिंग की प्रतिभा का इस्तेमाल बखूबी किया। जेल अधिकारियों ने उस पर जिस तरह का भरोसा जताया था वह उसकी कसौटी पर खरा उतरा और प्रतिभा का दूर-दूर तक डंका बजा रहा है। कोरोना संकट में उसे एक नामी कंपनी ने 8 लाख का सालाना पैकेज दिया है।
सजायाफ्ता कैदी अपने अपराध को भूल शिक्षा की दुनिया में नई मिसाल कायम कर रहा है। वर्ष 2010 में उस पर अपनी प्रेमिका की हत्या का आरोप लगा, बाद में सजा हो गई। अभी उम्र कैद की सजा भुगत रहा है। लेकिन खुली जेल की तरह रह रहा है। सुबह 10 बजे अपने काम पर चला जाता है और शाम चार बजे जेल में वापस पहुंचता है। दिन के वक्त वह 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को आनलाइन साइंस की पढ़ाई करवा रहा है। कंपनी को उसका हुनर बेहद पसंद आया है। इससे पहले वह जेल विभाग की भर्ती परीक्षा के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर चुका है। विभाग उससे कई बार तकनीकी सहायता हासिल कर चुका है।
हर हाथ को काम दे रहा विभाग
जेल विभाग जेलों में हर हाथ को काम देने का प्रयास कर रहा है। कोई गांधी के सपने बुन रहा है तो कोई मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण ले रहा है। सजा पूरी करने के बाद ये इसके सहारे परिवार की रोजी रोटी चला रहे हैं।
जेल की काली कोठरी में जल रहे ज्ञान के दीपक
शिक्षा का प्रकाश इंसान के मन और मस्तिष्क को रोशन ही करता है बल्कि समाज को भी रोशनी देता है। ज्ञान की लौ ऐसी जिसे कोई दीवार भी नहीं रोक पाती। भले ही कोठारी जेल की क्यों न हो। सेंट्रल जेल नाहन में कई कैदी प्रेरक मिसाल कायम कर रहे हैं। कभी अपराध की दुनिया का हिस्सा रहे अब अंतर्मन से ज्ञान का दीपक जला रहे हैं। कई कैदी इग्नू से बैचलर डिग्री प्रोग्राम और अन्य कोर्स कर रहे हैं। कई मात्र पांचवी पास थे। लेकिन अब 12वीं पास कर चुके हैं। यहां के जेल अधीक्षक गोपाल लोधटा के मुताबिक कैदियों को इग्नू की शिक्षा का काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने इसका श्रेय डीजी जेल सोमेश गोयल को दिया।
निखारा जा रहा कैदियों का हुनर : सोमेश गोयल
डीजी जेल सोमेश गोयल का कहना है कैदियों के हुनर विकास के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं, जहां तक आईआईटी रुड़की से पढ़े एक युवक कैदी का सवाल है वह काफी हुनरमंद है। उसने किसी कंपनी के साथ अनुबंध साइन किया है। प्रदेश के अनूठे प्रयासों को बाहरी राज्यों ने भी सराहा है।