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हिमखंड आने से 42 साल पहले एक सप्‍ताह तक रुकी रही थी चंद्रभागा नदी

अब से 42 साल पहले भी चंद्रभागा नदी का प्रवाह रुका था। ऐसा दावा करते हैं पांगी के बुजुर्ग। पहाड़ के टूटने से चंद्रभागा का बहाव रुकना कई गांवों के लिए खतरा था लेकिन अच्‍छी बात यह है कि अब पानी ने रास्‍ता बना लिया है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 13 Aug 2021 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 13 Aug 2021 05:24 PM (IST)
हिमखंड आने से 42 साल पहले एक सप्‍ताह तक रुकी रही थी चंद्रभागा नदी
जुंडा में चंद्रभागा नदी में गिरा पहाड़ का मलबा। जागरण

पांगी, संवाद सहयोगी।

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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी के बुजुर्ग कहते हैं कि क्षेत्र में सर्दियों के दौरान हिमखंड गिरने की घटनाएं अक्सर होती रहती थी। हिमखंड के गिरने से कई बार चंद्रभागा चार से पांच दिनों तक रुक जाती थी, जिससे अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ। पुरथी पंचायत के बुजुर्ग चिड़ीदास ने बताया 1979 में हिमखंड आने से लाहुल में एक सप्ताह तक रुकी रही। उस समय शौर, आजोग कुलाल रेई और अन्‍य गांव को जोडऩे वाले झूले बह गए थे। ऐसे में अधिक घबराने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन एहतियात काफी जरूरी है।

बढ़ गई थी पांगी की चिंता

गौरतलब है कि लाहुल-स्पीति के केलंग के जुंडा गांव में पहाड़ टूटने से पांगी प्रशासन व लोगों की भी चिंता बढ़ गई थी। पहाड़ के टूटने से चंद्रभागा नदी का बहाव रुकने से नदी किनारे बसे गांव के लिए कभी भी खतरा पैदा हो सकता था। ऐसे में पांगी प्रशासन ने पहले ही अधिसूचना जारी कर लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी थी।

जुंडा में जिस स्थान पर यह पहाड़ टूटा है वह स्थल पांगी मुख्यालय किलाड़ से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने लोगों को पहले ही इसे लेकर अलर्ट कर दिया था। आवासीय आयुक्त पांगी ने पुलिस जवानों नायब तहसीलदार समेत अन्य अधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के आदेश दे दिए। जिला चंबा के पांगी ब्लाक के शौर से संसारी नाले तक फिंदरू को छोड़कर दोनों किनारे पहाडिय़ां हैं। साथ में गांव भी काफी दूरी पर है।

स्थानीय लोगों में चिड़ी दास, ज्ञान चंद, उधम चंद, शाम लाल, धर्मपाल, शौकी राम, देवराम, उदय चंद, किशन चंद, सुरम चंद, बाबू राम का कहना है अगर थोड़े समय के लिए चिनाब रुकती है तो उससे कोई खतरा नहीं रहता, लेकिन अगर दो-तीन दिनों तक नदी के पानी का बहाव बहाव रुक जाता है तो शौर पल, आजोग गांव को जोडऩे वाले पैदल और जीप योग्य पुल, कुलाल गांव जोडऩे वाला झूला, मिंधल गांव को जोडऩे वाला मोटर योग्य पुल, वअन्‍य गांवों को जोडऩे वाला जीप योग्य पुल, पांगी को जिला मुख्यालय से जोडऩे वाला शुक्राली पुल और पुंटो गांव को जोडऩे वाले पुल को खतरा पैदा हो सकता था।

लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह : बलवान

पहाड़ दरकने के कारण लाहुल में चंद्रभागा के रुकने से खतरे को भांपते हुए लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी है। प्रशासन इस पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। उदयपुर व केलंग प्रशासन हर समय संपर्क में है, ताकि अनहोनी का खतरा पैदा न हो सके।

-बलवान चंद, आवासीय आयुक्त पांगी


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