समनों की तामील में रुकावट डालने पर पंचायत कर सकती है जुर्माना, जानिए पंचायत की शक्तियां
भारतीय दंड संहिता की धारा 172 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक द्वारा जारी किए समन नोटिस या आदेश की तामील न होने देने के लिए छुप जाए। इस अपराध के लिए ग्राम पंचायत अधिकतम 100 रुपये तक के जुर्माने से दंडित कर सकती है।
जसवां परागपुर, साहिल ठाकुर। भारतीय दंड संहिता की धारा 172 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक द्वारा जारी किए समन नोटिस या आदेश की तामील न होने देने के लिए छुप जाए। इस अपराध के लिए इस धारा के अधीन ग्राम पंचायत अधिकतम 100 रुपये तक के जुर्माने से दंडित कर सकती है और यदि समन इस प्रयोजन से जारी किया गया हो कि वह व्यक्ति या तो स्वयं उपस्थित हो या अपने प्रतिनिधि को उपस्थित करें या संबंधित न्यायालय में कोई दस्तावेज उपस्थित करें तो ऐसे समन की तामील होने से छुप जाए तो उसे भी ग्राम पंचायत अधिकतम 100 रुपये तक के जुर्माने से दंडित कर सकती है।
इस धारा के अंतर्गत समन नोटिस या आदेश ऐसे लोक सेवक द्वारा जारी होना चाहिए जो इसे जारी करने की शक्ति रखता हो। पंचायत सदस्य प्रधान या उपप्रधान जब वह पंचायत की कार्यवाही कर रहें हो तो लोकसेवक माने जाते हैं। ग्राम पंचायत ऐसी स्थिति में किसी के द्वारा शिकायत करने पर या जानकारी मिलने पर अपने आपसे भी इन के खिलाफ धारा 172 के अधीन कार्यवाही करते हुए ज़्यादा से ज़्यादा 100 रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 173 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति समन की तामील में रुकावट डालता है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है उदाहरण के लिए राम को समन द्वारा पंचायत घर में बुलाया गया है, उसके घर पर न होने के कारण चौकीदार यह सूचना उसके घर के दरवाजे पर चिपका आया है और उसका पड़ोसी बलदेव इस सूचना को फाड़ देता है तो उसके खिलाफ धारा 173 के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है तथा ग्राम पंचायत अधिकतम 100 रुपये तक का जुर्माना कर सकती है।