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हिमाचल स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने बदला प्रश्‍न पत्र बनाने का स्वरूप, अब पूछे जाएंगे अधिकतर आसान सवाल

HPBOSE Exams हिमाचल प्रदेश स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षाओं के लिए प्रश्‍न पत्र बनाने का स्‍वरूप बदल दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 03:01 PM (IST)
हिमाचल स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने बदला प्रश्‍न पत्र बनाने का स्वरूप, अब पूछे जाएंगे अधिकतर आसान सवाल
हिमाचल स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने बदला प्रश्‍न पत्र बनाने का स्वरूप, अब पूछे जाएंगे अधिकतर आसान सवाल

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने वार्षिक परीक्षाओं के लिए प्रश्‍न पत्र बनाने का स्‍वरूप बदल दिया है। जिसका निजी स्‍कूल प्रबंधन संघ ने भी स्‍वागत किया है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूल संघ की बैठक बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में दसवीं तथा जमा दो कक्षाओं के प्रश्नपत्र निर्धारण बारे, स्थल मूल्यांकन केंद्रों में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, मूल्यांकन के लिए नियुक्त शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के संबंध में जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देशों, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन व मूल्यांकन के समय बोर्ड द्वारा न्यूमेरिकल से संबंधित विषयों के सोल्यूशन उपलब्ध करवाने और पहली कक्षा से 12वीं कक्षाओं तक के पाठ्यक्रम के बारे में विचार-विमर्श किया गया।

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दसवीं व जमा दो कक्षाओं के प्रश्नपत्र निर्धारण करते समय परीक्षार्थियों के भविष्य का ध्यान रखा जाता है। प्रश्नपत्र में 40 फीसद  सरल, 40 फीसद औसतन तथा 20 प्रतिशत कठिन प्रश्न डाले जाते हैं। इससे परीक्षा में निष्पक्षता भी आएगी और वार्षिक परिणामों के प्रतिशतता भी सुधरेगी। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बोर्ड द्वारा स्थापित स्थल मूल्यांकन केंद्रों में बोर्ड द्वारा नियुक्त अधिकारी व कर्मचारियों की देख-रेख में किया जाता है।

मूल्यांकन के लिए नियुक्त शिक्षकों को उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। पेपर निर्धारक द्वारा जारी की गई विशेष निर्देशिका भी उपलब्ध करवाई जाती है। स्थल मूल्यांकन केंद्रों में उपलब्ध परीक्षकों की संख्या के अनुसार ही उत्तरपुस्तिकायें उपलब्ध करवाई जाती हैं। उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय बोर्ड द्वारा न्यूमेरिकल से संबंधित विषयों के सोल्यूशन उपलब्ध करवाए जाते हैं।

बोर्ड द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षाओं तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जाती हैं ताकि राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रम में एकरुपता आ सके। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने संघ को आश्वासन दिया कि संघ की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा तथा सुझावों को कार्यान्वित रूप प्रदान किया जाएगा। बैठक में विभिन्न जिलों के संघ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में बोर्ड सचिव अक्षय सूद भी उपस्थित रहे।


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