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हिमाचल में सख्ती से लागू होंगे गृह मंत्रालय के निर्देश, दुष्कर्म मामलों की दो माह में करनी ही होगी जांच

Home Ministry direction हिमाचल में दुष्कर्म मामलों की जांच अब हर हाल में दो माह के अंदर पूरी करनी होगी। जांच में ढील बरतने वाले के जांच अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। इस संबंध में गृह मंत्रालय के ताजा निर्देशों की सख्ती से पालना होगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 08:42 AM (IST)
हिमाचल में सख्ती से लागू होंगे गृह मंत्रालय के निर्देश, दुष्कर्म मामलों की दो माह में करनी ही होगी जांच
हिमाचल में दुष्कर्म मामलों की जांच अब हर हाल में दो माह के अंदर पूरी करनी होगी।

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल में दुष्कर्म मामलों की जांच अब हर हाल में दो माह के अंदर पूरी करनी होगी। जांच में ढील बरतने वाले के जांच अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। इस संबंध में गृह मंत्रालय के ताजा निर्देशों की सख्ती से पालना होगी। हाथरस प्रकरण के बाद से मंत्रालय ने ये निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल पहले ही कोटखाई छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या जैसा जघन्य अपराध झेल चुका है। इस कारण राज्य पुलिस पहले से ही पुलिस को एडवायजरी जारी कर चुकी है।

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महिलाओं पर संगीन अपराध हो ही न, इस बारे में सीआइडी इस महीने जागरूकता अभियान चलाएगी। इसमें महिलाओं, बालिकाओं को समझाया जाएगा कि वे अपराधों से कैसे बचें? वे एहतियात के तौर पर क्या कदम उठाएं। इसके अलावा लैंगिक भेदभाव खत्म करने पर भी जोर रहेगा। राज्य में महिला एवं बाल अपराधों में पिछले कई वर्षों से बढ़ोतरी हो रही है। इनकी रोकथाम के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों, विभागों के साथ विचार-विमर्श का एक राउंड पूरा कर चुकी है।

अपराध आंकड़ों में

  • 48 फीसद दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले कांगड़ा जिले में हुए हैं।
  • 16 फीसद मामले विवाहित महिलाओं के प्रति क्रूरता के हैं।
  • 40 मामले दुष्कर्म, छेड़छाड़ के मामले हैं बच्चे से अपराध में।

अधिकतर पहचान वाले ही निकल रहे अपराधी

पुलिस के एक अध्ययन के अनुसार राज्य में दुष्कर्म के अधिकांश मामलों में अपराधी पीडि़त और उसके परिवार के जानने वाले होते हैं अथवा उनके परिवार के करीबी सदस्य होते हैं, इस कारण मामला दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क करना पीडि़ता और उसके परिवार के लिए काफी मुश्किल होता है। पीडि़ता और उसका परिवार सामाजिक दबावों के कारण या आरोपित द्वारा डराने- धमकाने के कारण तथ्यों को पुलिस को नहीं बताते हैं।

जागरूकता अभियान शुरू होगा

डीआइजी क्राइम बिमल गुप्ता का कहना है डीजीपी के आदेश पर जल्द ही राज्यस्तरीय जागरूकता अभियान शुरू होगा। इसमें महिला अपराधों को रोकने के लिए आधी आबादी को जागरूक किया जाएगा। अपराध हो ही न इसके बारे में अभियान चलाया जाएगा। गृह मंत्रालय के निर्देशों की हर हाल में पालना होगी।


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