हिमाचल को केंद्र से कम मिलेंगे 1319 करोड़ रुपये
हिमाचल प्रदेश को अगले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से 1319 करोड़ रुपये अनुदान कम मिलेगा। केंद्रीय मदद से चलने वाली प्रदेश सरकार को आर्थिक मोर्चे पर होने वाली यह कमी संकट में डाल देगी। प्रदेश पहले से आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है।
प्रकाश भारद्वाज, शिमला। हिमाचल प्रदेश को अगले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से 1319 करोड़ रुपये अनुदान कम मिलेगा। केंद्रीय मदद से चलने वाली प्रदेश सरकार को आर्थिक मोर्चे पर होने वाली यह कमी संकट में डाल देगी। प्रदेश पहले से आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। कर्मचारियों को वेतन भुगतान मुश्किल से संभव होता है।
पिछले दो वर्ष के दौरान प्रदेश को मिलने वाला अनुदान 2200 करोड़ रुपये कम हुआ है। राजस्व घाटा अनुदान वर्ष दर वर्ष घटता चला जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार के समक्ष अनुदान कम होने का मामला उठाया गया है। मौजूदा 15वें वित्तायोग ने प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान के तौर पर पांच वर्ष के लिए 37199 करोड़ रुपये का निर्धारण किया है। वहीं, 14वें वित्तायोग ने प्रदेश को 40624 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। 13वें वित्तायोग ने 20,000 करोड़ रुपये के अनुदान का आकलन किया था।
क्या है राजस्व घाटा अनुदान
केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी के निर्धारण के बाद जो अंतर राज्यों के राजस्व में सामने आता है, उस अंतर को दूर करने के लिए राज्य सरकार को मासिक किस्त के तौर पर अनुदान जारी किया जाता है। राजस्व घाटा अनुदान का संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत प्रत्येक राज्य को निर्धारण होता है। वर्तमान में 15वें वित्तायोग ने अनुदान का पांच वर्ष के लिए आकलन करके केंद्र सरकार को सौंपा है।
यह गंभीर ङ्क्षचता का विषय है। प्रदेश के अपने संसाधन नहीं हैं जिससे हर वर्ष होने वाली कमी की भरपाई संभव हो सके। इसमें कुछ नहीं किया जा सकता है क्योंकि राजस्व घाटा अनुदान का आकलन व निर्धारण वित्तायोग हर पांच वर्ष में अपने मानकों के आधार पर तय करता है।
-प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त।
मैं राजस्व घाटा अनुदान में होने वाली कटौती को केंद्र सरकार के समक्ष उठा चुका हूं। पहाड़ी राज्य होने के कारण अन्य राज्यों की तरह हमारे संसाधन उतने समृद्ध नहीं हैं। हमारे लिए हर वर्ष अनुदान में कटौती संकट का विषय है। खासकर कोरोना संकट काल के दौरान राज्यों को विषम परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ा है।
-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री।