हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र : फर्जी दस्तावेज से बेच दी पौंग बांध विस्थापितों की 500 कनाल भूमि
Himachal Vidhansabha Winter Session जमीन मिलने की राह ताक रहे पौंग बांध विस्थापितों की राहें अभी तक आसान नहीं हुई है। राजस्थान में जो भूमि पौंग बांध विस्थापितों के लिए चयनित हुईं हैं उसके कुछ लोगों के जमीनें भी कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे डकार गए हैं।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। Himachal Vidhansabha Winter Session, अपने हक की जमीन मिलने की राह ताक रहे पौंग बांध विस्थापितों की राहें अभी तक आसान नहीं हुई है। राजस्थान में जो भूमि पौंग बांध विस्थापितों के लिए चयनित हुईं हैं उसके कुछ लोगों के जमीनें भी कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे डकार गए हैं एवं बेच दीं हैं।
सदन में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने देहरा विधायक होशियार सिंह के प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिला में 2.20 लाख एकड़ भूमि आरक्षित की गई थी, जिसमें से अनूपगढ़ तहसील में 1.90 लाख एकड़ तथा जैतसर फार्म में 30 हजार एकड़ भूमि आरक्षित की गई थी। इसमें से 79,406 एकड़ भूमि विस्थापितो को आवंटित की गई है। बड़ी बात ये है कि प्रदेश के पौंग बांध विस्थापितों को आंवटित भूमि के चार मुरब्बों के फर्जी दस्तावेजों के सहारे कुछ लोगों ने उन्हें बेच दिया है। इन लोगों के करीब 500 कनाल भूमि को फर्जी दस्तावेजों के बल पर बेचा है। हिमाचल प्रदेश व राजस्थान सरकार के मुख्य सचिवों की 20 फरवरी 2019 बैठक हुई थी। इस बैठक में 7155 शेष बचे विस्थापितों के विस्थापन के लिए भूमि के अनुपात में धनराशि राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव से हिमाचल प्रदेश को प्रदान करने के लिए मामला उठाया था। जिसे प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से मुख्य सचिव, राजस्थान द्वारा मनाकर दिया था। उसके उपरांत इस तरह का कोई भी मामला किसी बैठक में नहीं उठाया गया।
जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित समिति की 1996 से अब तक 26 बैठकें हुई हैं, जिनमें 4822 में से 3705 मामले सुलझा दिए हैं। हिमाचल व राजस्थान के मुख्य सचिवों की बैठक में लंबित 1188 मुरब्बों के मामलों को भी उठाया गया, जिनके विक्रय को सर्वोच्च न्यायालय ने अवैध करार दिया था और ऐसे विस्थापितों को आवंटन से बाहर कर दिया था। इस भूमि को अन्य पात्र विस्थापितों को आवंटित करने के आदेश दिए थे। इस विषय में मुख्य सचिव राजस्थान द्वारा अवगत करवाया गया था कि इन 1188 मुरब्बों की भूमि पौंग बांध विस्थापितों ने राजस्थान के स्थानीय निवासियों को बेच दी है और उस भूमि पर उन स्थानीय लोगों का कब्जा है। उन्होंने हिमाचल सरकार इस मुद्दे को आगामी उच्च स्तरीय समिति की बैठक में पुन: उठाएगी।
कोरोना से प्रभावित हुए हैं पर्यटन व्यवसाय, टर्न ओवर में आई गिरावट
कोरोना काल में पयर्टन व्यवसाय को कितना नुकसान हुआ है, इसका सटीक आंकलन करना संभव नहीं है, लेकिन यह बात जगजाहिर है कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभाव पयर्टन व्यवसाय को ही हुआ है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विशाल नैहरिया ने प्रश्न का लिखित जबाव देते हुए बताया कि आबकारी एवं कराधान के अनुसान वर्ष 2019-20 में पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के शीर्ष 26 करदाताओं की टर्न ओवर में करीब 46 फीसद गिरावट आई है। प्रदेश सरकार की ओर से दैनिक व्यवसाय चलाने, श्रमिकों के वेतन देने, किराये का भुगतान करने जैसी तात्कालिक समस्याओं के समाधान के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। होटल व रेस्तरां में बिजली के मांग शुल्क पर छह माह के राहत दी है, वहीं पंजीकृत पर्यटन इकाईयों की जलापूर्ति घरेलू दर से ली जा रही है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन पालिसी-2019 के तहत पांच करोड़ रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ नई पर्यटन इकाईयों के निर्माण या पहले स्थापित इकाइयों के विस्तार केलिए कुल स्थायी पूंजी निवेश लागत का पांच फीसद या अधिकतम 300 करोड़ निदेश अनुदान के रूप में दिए जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ठियोग विधायक राकेश ङ्क्षसघा के प्रश्न के लिखित जबाव में बताया कि वर्ष 2015 से भर्ती हुए पुलिस जवानों का पे बैंड 5910-20200 जमा 1900 ग्रेड पे और इनटेल स्टार्ट 7810 रुपये है। इसके अलावा राशन अलाउंस के तौर पर उन्हें 210 रुपये प्रति माह भत्ता दिया जाता है। जून 2017 के बाद कांस्टेबलों की पे बैंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
243 प्राथमिक पाठशालाएं बंद
नियमों से कम छात्रों के संख्या होने के चलते प्रदेश में 243 प्राथमिक पाठशालाओं को सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। सदन में शिक्षा मंत्री गोङ्क्षवद ठाकुर ने हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल पर लिखित जबाव में कहा कि इन बंद पड़े स्कूलों में बच्चों का नामांकन शून्य या 5 से कम था इस लिए इन स्कूलों को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि बंद पाठशालाओं के भवनों को संबंधित पंचायतों व आंगनवाड़ी केंद्रों के स्थानांतरण करने के बारे में सरकार ने आदेश दिए है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 157 खाली पड़ी पाठशालाओं के भवनों को संबंधित पंचायतों व 45 आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए हस्तानांतरण कर दिया गया है तथा 41 भवनों को हस्तानान्तरण की प्रक्रिया जारी है।
365 मामले एफआरए के पड़े लंबित
जिला किनौर में पिछले 3 सालों से उप मंडल पूह में 360 व्यक्तिगत तथा 5 सामूहिक मामले एफआरए के लंबित है। तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने किनौर के विधायक जगत ङ्क्षसह नेगी के प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि उपमंडल पूह के 47 व्यक्तिगत मामलों को जिला स्तरीय समिति द्वारा रद्द किया गया है।