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Himachal Unlock: कर्मचारी बोले सरकार बस चलाओ, हम दफ्तर आने को तैयार, पढ़ें पूरा मामला

Himachal Pradesh Unlock हिमाचल प्रदेश में सोमवार को 30 फीसद कर्मचारियों को सरकार का प्रशासनिक पहिया चलाने के लिए कार्यालय पहुंचना होगा। अभी सरकारी कार्यालय खुलने में दो दिन का समय है लेकिन कर्मचारी परेशान हो गए हैं कि कार्यालय कैसे पहुंचेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 01:09 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 01:09 PM (IST)
Himachal Unlock: कर्मचारी बोले सरकार बस चलाओ, हम दफ्तर आने को तैयार, पढ़ें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश में सोमवार को 30 फीसद कर्मचारियों को सरकार का प्रशासनिक पहिया चलाने के लिए कार्यालय पहुंचना होगा।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Unlock, हिमाचल प्रदेश में सोमवार को 30 फीसद कर्मचारियों को सरकार का प्रशासनिक पहिया चलाने के लिए कार्यालय पहुंचना होगा। अभी सरकारी कार्यालय खुलने में दो दिन का समय है, लेकिन कर्मचारी परेशान हो गए हैं कि कार्यालय कैसे पहुंचेंगे। सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों व स्वायत संस्थानों में कुल मिलाकर ढाई लाख कर्मचारी प्रशासनिक तंत्र को चलाते हैं। प्रदेश सरकार ने 31 मई से कोरोना कर्फ्यू को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। शिमला राज्य मुख्यालय होने के कारण यहां पर 62 सरकारी विभागों के मुख्यालय या कार्यालय हैं और 33 हजार से अधिक कर्मचारी सेवारत हैं।

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प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय में पांच हजार कर्मचारी काम करता है। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के साथ-साथ अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ व बिजली बोर्ड के कर्मियों ने सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने की मांग अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने से पहले उठा दी है।

10 हजार कर्मियों को आना है कार्य स्थल

यदि अकेले शिमला शहर की बात की जाए तो यहां पर 10 हजार कर्मियों को कार्य स्थल पर पहुंचना होगा। सचिवालय में बैठने वाले आला अधिकारी तो कारों से पहुंच जाएंगे। लेकिन कर्मियों को दिक्‍कत झेलनी पड़ेगी। इसी तरह से जिला मुख्यालयों में भी कर्मचारियों के लिए कार्य स्थल पहुंचना चुनौतीपूर्ण रहेगा। ऐसा माना जाता है कि 60 फीसद सरकारी कर्मचारियों के पास अपने वाहन हैं, लेकिन आधे ही वाहन घर से बाहर निकालते हैं।

क्या चलेंगी बसें

शिमला शहर के दस स्थानों से सचिवालय पहुंचने के लिए बस सेवा है। इसी तरह से जिला मुख्यालयों में भी कर्मचारियों की सुविधा के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवा की व्यवस्था है। देखना यह है कि कोरोना कफ्य्रू के दौरान सरकार कर्मचारियों को कार्य स्थल पर पहुंचाने की व्यवस्था किस तरह से करती है।

  आठ किलोमीटर की परिधि

किसी भी स्थान पर सेवारत कर्मचारी व अधिकारी के लिए नियुक्ति स्थल से आठ किलोमीटर के दायरे में रहना अनिवार्य है। सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से कर्मचारियों को इस आशय के आदेश जारी किए गए हैं। इससे बाहर रहने वाले कर्मचारी को विभाग की ओर से चेतावनी दी जा सकती है, क्योंकि विशेष परिस्थितियोंं में किसी भी कर्मचारी को किसी भी समय बुलाया जा सकता है। ऐसे में दूसरे शहरों में रहने वाले कर्मचारियों के लिए दफ्तर पहुंचना संभव नहीं होगा।

वाहन दें या फिर बसें चलाएं

सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ अध्‍यक्ष संजीव शर्मा ने कहा राज्‍य सचिवालय में 1700 अधिकारी व कर्मचारी हैं। सभी प्रथम व द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को कार्यालय पहुंचना है। इसके अलावा शेष कर्मचारियों को तय मानकों के आधार पर कार्यालय आना सुनिश्चित करना होगा। ऐसे में कर्मचारी वर्ग चाहता है कि सरकार की ओर से वाहनों का प्रबंध किया जाए या फिर शहर के विभिन्न भागों से कार्यालय पहुंचने के लिए बस सेवा चलाई जाए। इस संबंध में कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव देवेश कुमार से मिलेगा और वाहन या बस सेवा की मांग उठाएगा।

बस सेवा हो और कार्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ अध्‍यक्ष विनोद कुमार का कहना है शिमला राजधानी है तो यहां पर सरकार के अधिकांश विभागों के मुख्यालय हैं। इसी तरह से जिला मुख्यालयों में कम से कम पांच हजार कर्मचारी सेवारत हैं। पहले सार्वजनिक परिवहन सुविधा यानि दफ्तर पहुंचने के लिए बस चाहिए। उसके बाद सबसे जरूरी है कि सरकारी कार्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित किया जाए। बाहरी लोगों की सरकारी कार्यालयों में बाढ़ सी आ जाती है और तबादलों के मामले लेकर संबंधित कर्मचारी तक पहुंच जाते हैं। इसलिए सरकार अलग से एक अधिसूचना जारी करे कि कार्यालयों में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

कोई व्यवस्था तो चाहिए

राज्‍य विद्युत बोर्ड संयुक्त निदेशक अनुराग पराशर का कहना है कुमार हाऊस स्थित राज्य विद्युत बोर्ड मुख्यालय में 1300 कर्मचारी व अधिकारी हैं। तय मानकों के तहत आने वाले कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन सेवा चाहिए। इसके अतिरिक्त 12 हजार से अधिक फील्ड कर्मचारी कोरोना कर्फ्यू के दौरान बिजली आपूर्ति को बनाए रखने के लिए सेवाएं दे रहा है।


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