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मार्केट फीस एक से बढ़ाकर पांच फीसद करने पर बिफरे व्यापारी, कोर्ट में मामला होने का तर्क देकर यह मांग की

Market Fees राज्य सरकार की ओर से मार्केट फीस को एक से बढ़ाकर पांच फीसद कर दिया गया है तथा इस संदर्भ में याचिका माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश शिमला में लंबित पड़ी है। इस संदर्भ में व्यापार मंडल ने पत्रकारों को संबोधित किया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:39 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:39 AM (IST)
मार्केट फीस एक से बढ़ाकर पांच फीसद करने पर बिफरे व्यापारी, कोर्ट में मामला होने का तर्क देकर यह मांग की
व्यापार मंडल ने पत्रकारों को संबोधित किया।

कांगड़ा, संवाद सहयोगी। Market Fees, राज्य सरकार की ओर से मार्केट फीस को एक से बढ़ाकर पांच फीसद कर दिया गया है तथा इस संदर्भ में याचिका माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश शिमला में लंबित पड़ी है। इस संदर्भ में व्यापार मंडल ने पत्रकारों को संबोधित किया। व्यापार मंडल अध्यक्ष पंडित वेद प्रकाश शर्मा ने कहा इस मुद्दे पर सरकार से व्यापारी वर्ग का निवेदन है कि जब तक मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, तब तक इस फीस को एक फीसद ही रहने दिया जाए।

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व्यापारी वर्ग ने यह भी शिकायत की है कि जहां पर भी मार्केटिंग कमेटी का नाका है, वहां पर मार्केटिंग कमेटी के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा व्यापारियों के साथ बदसलूकी भी की जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कपड़ा ,मनियारी, जूते- चप्पलों इत्यादि के दुकानदारों का सरकार से निवेदन है कि पहली जनवरी 2022 से पांच प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने बारे निर्णय जीएसटी काउंसिल गवर्नमेंट आफ इंडिया द्वारा लिया गया है उसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए।

मिठाई की दुकानों में जहां पर मिठाई पर एक फीसद  जीएसटी लागू है अगर उस दुकान में कोई ग्राहक जलपान या चाय पान कर लेता है तो उस पर 5 फीसद जीएसटी थोपा जा रहा है। उस निर्णय पर भी रोष स्वरूप विचार किया जाए। दुकानदारों का कहना है कि इस संदर्भ में आबकारी विभाग व जीएसटी काउंसिल द्वारा कभी भी व्यापारियों को जागरूक करवाने के लिए न तो शिविर लगाए गए और न ही कोई प्रशिक्षण दिया गया कि जीएसटी की दरें कब और कहां पर क्या-क्या रहेंगी, न ही संबंधित विभाग ने अपने कर्मचारियों को व्यापारियों के साथ ठीक ढंग से पेश आने बारे हिदायत की है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि आबकारी विभाग व जीएसटी काउंसिल अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को विशेष हिदायत जारी करें कि व्यापारियों के साथ ढंग से पेश आएं।


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