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जम्‍मू कश्‍मीर में शहीद हुए कमल वैद्य के ताबूत पर सजा दूल्‍हे का लिबास, अक्‍टूबर में होनी थी शादी

Himachal Soldier Martyr हमीरपुर के लग मनवीं क्षेत्र पर छाए बरसात के बादल उदासी के काले बादलों में बदल गए जब कारगिल दिवस से दो दिन पहले उसका सपूत देश के काम आ गया। घुमारवीं गांव के सैनिक कमलदेव वैद्य ने बारुदी सुरंग फटने पर शहादत पाई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 03:13 PM (IST)
जम्‍मू कश्‍मीर में शहीद हुए कमल वैद्य के ताबूत पर सजा दूल्‍हे का लिबास, अक्‍टूबर में होनी थी शादी
रविवार सुबह शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचने पर हर कोई गमगीन

हमीरपुर, जागरण संवाददाता। Himachal Soldier Martyr, हमीरपुर के लग मनवीं क्षेत्र पर छाए बरसात के बादल, उदासी के काले बादलों में बदल गए जब कारगिल दिवस से दो दिन पहले उसका सपूत देश के काम आ गया। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात घुमारवीं गांव के सैनिक कमलदेव वैद्य ने बारुदी सुरंग फटने पर शहादत पाई है। रविवार सुबह शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंचने पर हर कोई गमगीन था। सुबह शहीद का राजकीय सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार किया गया। शहीद के चचेरे भाई बॉबी ने चिता को मुखाग्नि दी। बड़े भाई ने ताबूत पर नए कपड़े रखे। शहीद भाई को हार और पगड़ी पहनाई। दरअसल कमल की अक्‍टूबर में शादी तय थी, इस बीच उसकी पार्थिव देह कफन में लिपटी आंगन में पहुंची। परिवार के सदस्‍यों ने शादी की कुछ रस्‍में निभाईं। यह सब देखकर शहीद के आंगन में मौजूद हर शख्‍स की आंखें नम थीं।

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जिला प्रशासन को शनिवार को बलिदानी कमलदेव का पार्थिव शरीर हेलिकाप्टर के माध्यम से लाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकाप्टर राजौरी से उड़ान नहीं भर पाया था। इस कारण रविवार सुबह शहीद की पार्थिव देह हमीरपुर पहुंची।

15 डोगरा रेजीमेंट में सेवारत कमल के बलिदान की सूचना मिलते ही परिवार समेत पूरा क्षेत्र शोक में डूब गया। अक्टूबर में कमलदेव की शादी होने वाली थी जिसके लिए धीरे-धीरे तैयारियां जारी थी। मदन लाल व विनीता देवी के घर जन्मे कमलदेव वैद्य ने पहली से दसवीं तक की पढ़ाई राजकीय उच्च पाठशाला लुद्दर महादेव व जमा दो की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज से की थी। राजकीय डिग्री कालेज हमीरपुर में प्रथम वर्ष की पढ़ाई के लिए कमलदेव दाखिल हुए ही थे कि हमीरपुर में हुई भर्ती रैली भी हो रही थी। वह भर्ती हो गए।

पिता मदन लाल दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं तथा मां गृहिणी है। बड़े भाई देवेंद्र कुमार ने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है लेकिन कोरोना महामारी के बाद से घर पर ही है। दो बहनें इंदू व शशि हैं, जिनकी विवाह हो गया है।

कमलदेव के बलिदान पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा सेवाएं खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपमुख्य सचेतक एवं विधायक कमलेश कुमारी, विधायक राजेंद्र राणा व इंद्रदत्त लखनपाल, पूर्व विधायक डा. अनिल धीमान, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल, प्रोमिला कुमारी, जिला परिषद पवन कुमार ने शोक व्यक्त किया है।


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