हिमाचल: गणतंत्र दिवस समारोह के बीच बर्फबारी ने डाला खलल, शिमला में बदलना पड़ा आयोजन स्थल
Himachal Republic Day Parade हिमाचल प्रदेश में गणतंत्र दिवस पर शिमला में राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। सुबह 11 बजे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में राज्यपाल डाक्टर राजेंद्र नाथ आर्लेकर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
शिमला, जागरण टीम। Himachal Republic Day Parade, हिमाचल प्रदेश में 73वें गणतंत्र दिवस पर शिमला में राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया गया। सुबह 11 बजे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में राज्यपाल डाक्टर राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर राज्यपाल ने परेड की सलामी भी ली। शिमला में रिज मैदान पर हिमपात होने के कारण गणतंत्र दिवस परेड का कार्यक्रम पूरा नहीं हो सका। सांस्कृतिक कार्यक्रम गेयटी थियेटर में आयोजित किया गया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित अतिविशिष्ट अतिथिगण गेयटी थियेटर पहुंचे।
सुबह रिज मैदान पर कार्यक्रम शुरू होते ही हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी। बड़ी संख्या में गणतंत्र परेड देखने के लिए शहर के विभिन्न भागों से लोग रिज पर पहुंचे थे। लेकिन बर्फबारी शुरू होने से गणतंत्र दिवस समारोह कार्यक्रम में व्यवधान आ गया। राज्यपाल ने परेड की सलामी लेने के अलावा ध्वजारोहण कर लिया था। इसके अलावा कुछ झांकियां भी प्रदर्शित हो चुकी थीं। लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रम रिज पर नहीं हो पाए। कार्यक्रम के बीच में ही बर्फबारी शुरू हो गई। इस कारण तत्काल आयोजन स्थल बदल दिया गया। इस दौरान मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू भी मौजूद रहे।
यह बोले राज्यपाल
राज्यपाल ने प्रदेश वासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी व झांकियों के माध्यम से दिए संदेश को सभी को आत्मसात करने को कहा। उन्होंने कहा कि झांकियों के द्वारा कोविड महामारी के दौरान सतर्कता बरतने का अच्छा संदेश गया है।
प्रदेश की विभूतियों ने नाम किया रोशन
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी व कहा कि महामारी के इस दौर में भी सरकार ने हिमाचल के हर वर्ग का विकास जारी रखा और प्रदेशवासियों को किसी तरह की मुश्किलें नहीं आने दी है। हिमाचल प्रदेश की विभूतियों को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सीएम ने कहा कि दोनों ने हिमाचल का नाम देश और दुनिया में कला साहित्य और शिल्पकला में रोशन किया है। चंबा रुमाल को दुनिया भर में पहचान मिली है।