हिमाचल में संदिग्ध आचरण वाले अधिकारियों व कर्मियों पर विजिलेंस की पैनी निगाह, पुराने तरीके में बदलाव
Suspected Officer on Vigilance Target हिमाचल सरकार के संदिग्ध आचरण वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर राज्य विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की पैनी निगाह है। ब्यूरो ने अब अपने पुराने तौर तरीके में बदलाव किया है। पहले ऐसे लोगों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए ज्यादा पकड़ा था।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Suspected Officer on Vigilance Target, हिमाचल सरकार के संदिग्ध आचरण वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर राज्य विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो की पैनी निगाह है। ब्यूरो ने अब अपने पुराने तौर तरीके में बदलाव किया है। पहले ऐसे लोगों को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए ज्यादा पकड़ा था। अब शिकायत मिलने पर कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। अगर रिश्वत का पैसा घर अथवा कार्यालय में रखा होगा तो भी केस दर्ज होगा। ऐसी भी सूचनाएं मिल रही हैं कि कई भ्रष्ट व्यक्ति अपने स्वजन व दोस्तों के बैंक खातों में भी पैसा जमा करवा रहे हैं। अब ऐसे बैंक खातों की भी पड़ताल होगी। अगर खाताधारक पैसों का सोर्स नहीं बता पाएगा तो उस पर भी कारवाई होगी। उसे भी विजिलेंस जांच से गुजरना होगा। उसका असली व्यक्ति से लिंक जोड़ा जाएगा, ताकि गुनहगारों पर कड़ी कारवाई हो सके। कई मामलों में विजिलेेंस को कामयाबी भी हासिल हुई है।
नए साल में पकड़े कई मामले
विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज कर दी है। नए साल में सिरमौर से लेकर कांगड़ा तक कई मामले पकड़े गए हैं। सिरमौर के शिलाई में बेला पंचायत का प्रधान भी रिश्वत लेते पकड़ा गया। सूत्रों के अनुसार इस ब्लाक से कई अधिकारी व कर्मचारी विजिलेंस के निशाने पर आ गए हैं। यहां के स्थानीय विधायक विधानसभा में कह चुके हैं कि क्षेत्र में पंचायतें भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई हैं। उन्होंने सचिवों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। मामला उठाने के बाद कई पंचायतों में कारवाई भी हुई थी।
निरीक्षण टीम भी धरी
विजिलेंस ने कागड़ा जिले में निजी शिक्षण संस्थानों के निरीक्षण के लिए आई टीम को धर लिया था। दो शिक्षकों से 11.48 लाख रुपये बरामद किए गए थे। एक शिक्षिका समेत दोनों शिक्षक गिरफ्तार हुए थे। एक अन्य मामले में रिश्वत लेते हुए एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया गया था।
क्या कहते हैं विजिलेंस अधिकारी
विजिलेंस एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो के आइजी रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है रंगे हाथों गिरफ्तार करने के तरीके में बदलाव किया गया है। हमने निष्पक्षता के साथ कारवाई की है तभी एसएचओ तक को पकड़ा गया। भ्रष्ट आचरण के अधिकारी व कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। लोग ऐसे मामलों की शिकायत दें, इसे गोपनीय रखा जाएगा।